नई दिल्ली। ऊना में दलितों पर कुछ कथित गोरक्षकों के वार के बाद पीएम मोदी ने देश के 80 फीसदी गोरक्षकों को फर्जी करार दिया था। अब पीएम मोदी के इस बयान पर वीएचपी खुलकर मैदान में उतर गई है। वीएचपी के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया पीएम के बयान के बाद पहली बार मीडिया के सामने आए। उन्होंने पीएम मोदी से सवाल कर दिया कि वो बताएं कि आखिर उनके पास अस्सी फीसदी गोरक्षक फर्जी हैं, ये आंकड़ा कहां से आया। उधर गाय को लेकर पुलिस से झड़प में यूपी के बलिया में एक शख्स की जान चली गई। यूपी के काकोरी में आजादी के दीवानों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे अमित शाह अब सिर्फ विकास का नारा लगा रहे हैं। पीएम मोदी ने साफ कर दिया था कि यूपी में चुनाव का आधार सिर्फ विकास होगा, लेकिन पीएम मोदी हाल ही में अस्सी फीसदी गो रक्षकों को फर्जी बताकर अपनों की ही नाराजगी झेल रहे हैं। वीएचपी के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जो गौरक्षकों के बारे में कहा उसके डाटा कहां से मिले वो बताएं- इस देश में डोजियर आंतकवादियों के बनते थे, सामाजिक सौहार्द बिगाडने वाले कसाईयों का डोजियर बनना चाहिए।
ऊना में दलितों पर कुछ कथित गोरक्षकों के वार के बाद पीएम मोदी ने देश के 80 फीसदी गोरक्षकों को फर्जी करार दिया था। अब पीएम मोदी के इस बयान पर वीएचपी खुलकर मैदान में उतर गई है। वीएचपी आरएसएस की सहयोगी संगठन है। जानकार बता रहे हैं कि ऊना में दलितों पर कथित गोरक्षकों के अत्याचार के बाद विधानसभा चुनावों को देखते हुए पीएम मोदी ने कथित गोरक्षकों के लिए कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया। लेकिन अब वीएचपी की नाराजगी इस मुद्दे को बीजेपी के लिए ही जटिल बनाती नजर आ रही है। वीएचपी अब पीएम से अपना बयान वापस लेने की मांग कर रही है, साथ ही उसने सरकार को छह सुझाव भी दिए हैं। सवाल ये है कि क्या वीएचपी की ये नाराजगी यूपी में बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी वाली है?
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