मोदी के मैसेज के बाद भाजपा का फैसला, छह साल पहले पार्टी में बने गौ रक्षा प्रकोष्ठ को किया खत्म
लखनऊ। वोट की राजनीति ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दिल भी बदल दिया है। मुस्लिम विरोधी अभियान चलाकर हिन्दुओं के वोट से पीएम की कुर्सी तक पहुंचे मोदी अब हिन्दुओं के खिलाफ ही काम करने की तैयारी में हैं। इसका ताजा उदाहरण गौ सतर्कता को लेकर विपक्षी पार्टियों के लगातार हमले झेल रहे बीजेपी ने अपने गौ वंश विकास प्रकोष्ठ को खत्म करने का फैसला किया है। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान के बाद आया, जिसमें उन्होंने फर्जी गौ रक्षकों पर निशाना साधा था। बीजेपी के इस प्रकोष्ठ (सेल) को 6 साल पहले गाय की महत्ता को लेकर लोगों को जागरुक करने के लिए बनाया गया था। बीजेपी ने इस तरह के किसी भी सेल को न बनानेे का फैैसला किया हैै, साथ ही यूपी ईकाई ने भी डिसाइड किया है वह इस तरह का कोई सेल नहीं बनाएगा। बीजेपी के राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर कुल 40 के करीब प्रकोष्ठ है। बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने प्रकोष्ठ की संख्या कम करने का फैसला किया है। राष्ट्रीय स्तर पर प्रकोष्ठों की संख्या 12 तक की जाएगी। साथ ही राज्य ईकाईयों को स्थानीय जरुरतों और स्थितियों को देखते हुए पांच सेल बनााने के लिए कहा गया है। यूपी बीजेपी कार्यालय से जुड़े एक नेता ने बताया कि राज्य ईकाई ने 17 प्रकोष्ठों की घोषणा की है, इसमें गौ वंश विकास प्रकोष्ठ नहीं है। उन्होंने बताया कि जिन 17 प्रकोष्ठों की घोषणा की गई है, उनमें लॉ, चिकित्सा, सहकारिता, आर्थिक, बुनकर, एक्स सर्विसमैन, सांस्कृतिक, शिक्षक समेत अन्य प्रकोष्ठ शामिल है । बीजेपी के राष्ट्रीय समन्वयक ह्दय नाथ सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि गौ वंश विकास प्रकोष्ठ को खत्म किया जा रहा है। यह प्रकोष्ठ 2015 से सक्रिया था लेकिन पार्टी से इसे भविष्य में नहीं रखने का फैसला किया है। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव श्रीकांत शर्मा ने बताया कि केंद्रीय स्तर पर प्रकोष्ठ बनाया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी की राज्य ईकाईयों केे पास अपने स्तर पर सेल बनाने के लिए एथॉरिटी है। बीजेपी हमेशा से गौ रक्षा के पक्ष में रहा है। गौ-हत्या पर बीजेपी शासित प्रदेशों में पूरी तरह से रोक है। संघ से जुड़े सिंह ने बताया कि प्रकोष्ठ का उद्देश्य गौ रक्षा और घरेलू कार्यों में गाय के प्रयोग को बढा़ना था। साथ ही लोगों को कृषि और आर्थिक सेक्टर में जानवारों की उपयोगिता के बारे में बताना। गाय का दूध, यूरीन और गोबर की महत्ता और किस प्रकार से इसका इस्तेमाल उर्वरीकरण में किया जा सकता है। बीजेपी यूपी के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य की इस पर टिप्पणी नहीं मिल सकी है। वहीं बीजेपी के राज्य ईकाई के नेता ने कहा कि गौ वंश विकास प्रकोष्ठ को बंद करने का फैसला किया गया है, लेकिन गौ-रक्षा बीजेपी के एजेंडे में शामिल रहेगा।
लखनऊ। वोट की राजनीति ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का दिल भी बदल दिया है। मुस्लिम विरोधी अभियान चलाकर हिन्दुओं के वोट से पीएम की कुर्सी तक पहुंचे मोदी अब हिन्दुओं के खिलाफ ही काम करने की तैयारी में हैं। इसका ताजा उदाहरण गौ सतर्कता को लेकर विपक्षी पार्टियों के लगातार हमले झेल रहे बीजेपी ने अपने गौ वंश विकास प्रकोष्ठ को खत्म करने का फैसला किया है। यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान के बाद आया, जिसमें उन्होंने फर्जी गौ रक्षकों पर निशाना साधा था। बीजेपी के इस प्रकोष्ठ (सेल) को 6 साल पहले गाय की महत्ता को लेकर लोगों को जागरुक करने के लिए बनाया गया था। बीजेपी ने इस तरह के किसी भी सेल को न बनानेे का फैैसला किया हैै, साथ ही यूपी ईकाई ने भी डिसाइड किया है वह इस तरह का कोई सेल नहीं बनाएगा। बीजेपी के राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर कुल 40 के करीब प्रकोष्ठ है। बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने प्रकोष्ठ की संख्या कम करने का फैसला किया है। राष्ट्रीय स्तर पर प्रकोष्ठों की संख्या 12 तक की जाएगी। साथ ही राज्य ईकाईयों को स्थानीय जरुरतों और स्थितियों को देखते हुए पांच सेल बनााने के लिए कहा गया है। यूपी बीजेपी कार्यालय से जुड़े एक नेता ने बताया कि राज्य ईकाई ने 17 प्रकोष्ठों की घोषणा की है, इसमें गौ वंश विकास प्रकोष्ठ नहीं है। उन्होंने बताया कि जिन 17 प्रकोष्ठों की घोषणा की गई है, उनमें लॉ, चिकित्सा, सहकारिता, आर्थिक, बुनकर, एक्स सर्विसमैन, सांस्कृतिक, शिक्षक समेत अन्य प्रकोष्ठ शामिल है । बीजेपी के राष्ट्रीय समन्वयक ह्दय नाथ सिंह ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि गौ वंश विकास प्रकोष्ठ को खत्म किया जा रहा है। यह प्रकोष्ठ 2015 से सक्रिया था लेकिन पार्टी से इसे भविष्य में नहीं रखने का फैसला किया है। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव श्रीकांत शर्मा ने बताया कि केंद्रीय स्तर पर प्रकोष्ठ बनाया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी की राज्य ईकाईयों केे पास अपने स्तर पर सेल बनाने के लिए एथॉरिटी है। बीजेपी हमेशा से गौ रक्षा के पक्ष में रहा है। गौ-हत्या पर बीजेपी शासित प्रदेशों में पूरी तरह से रोक है। संघ से जुड़े सिंह ने बताया कि प्रकोष्ठ का उद्देश्य गौ रक्षा और घरेलू कार्यों में गाय के प्रयोग को बढा़ना था। साथ ही लोगों को कृषि और आर्थिक सेक्टर में जानवारों की उपयोगिता के बारे में बताना। गाय का दूध, यूरीन और गोबर की महत्ता और किस प्रकार से इसका इस्तेमाल उर्वरीकरण में किया जा सकता है। बीजेपी यूपी के अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य की इस पर टिप्पणी नहीं मिल सकी है। वहीं बीजेपी के राज्य ईकाई के नेता ने कहा कि गौ वंश विकास प्रकोष्ठ को बंद करने का फैसला किया गया है, लेकिन गौ-रक्षा बीजेपी के एजेंडे में शामिल रहेगा।
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