नई दिल्ली। चुनावी समर में बीजेपी और उसके पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी के लिए 'अपने' ही ज्यादा मुसीबत बनते दिख रहे हैं। ताजा मामला पार्टी के सीनियर नेता मुरली मनोहर जोशी से जुड़ा है। पार्टी के सीनियर नेता जोशी ने 'मोदी लहर' को मानने से ही इनकार कर दिया। जोशी ने कहा कि देश में मोदी की नहीं बल्कि बीजेपी की लहर है। जोशी के मुताबिक मोदी लोकसभा चुनाव में पीएम कैंडिडेट के तौर पर बीजेपी के नुमाइंदे भर हैं।
यही नहीं, जिस 'गुजरात मॉडल' का बखान कर मोदी देशभर में प्रचार कर रहे हैं जोशी ने उसपर भी निशाना साधा। कहा कि यह एनडीए का आदर्श नहीं। वाराणसी से सांसद और वर्तमान में कानपुर से बीजेपी उम्मीदवार जोशी के मुताबिक विकास के 'गुजरात मॉडल' को बाकी राज्यों में अपनाना संभव नहीं है। जोशी ने जसवंत सिंह को बाड़मेर से टिकट न दिए जाने और इस पर विवाद गर्माने पर भी चुप्पी तोड़ी है। जोशी ने कहा है कि जसवंत प्रकरण से पार्टी बच सकती थी। गौरतलब है कि बीजेपी को ऐन चुनावी मौके पर इससे पहले भी लगातार फजीहत का सामना करना पड़ा है। टिकट बंटवारे से लेकर प्रमोद मुतालिक, साबिर अली को पार्टी में लेने व जसवंत सिंह, लालकृष्ण आडवाणी के चुनाव लड़ने पर हुए विवाद ने पार्टी को नुकसान पहुंचाने का काम अधिक किया है।
जहां तक सवाल जोशी का है तो वह इससे पहले वाराणसी से मोदी की उम्मीदवारी के मामले पर भी उनकी नाराजगी खुलकर सामने आ चुकी थी। काफी मान-मनौव्वल के बाद ही जोशी वाराणसी की अपनी सीट छोड़ने को तैयार हुए थे। चुनावी समर में विरोधियों से जूझ रही बीजेपी के रास्ते में अब सीनियर नेता मुरली मनोहर जोशी का ताजा बयान नया विवाद खड़ा कर सकता है।
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