चंडीगढ़। नेशनल स्टूडेंटस यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) से संबद्ध सैकड़़ों विद्यार्थियों द्वारा 2 जून को पंजाब के शिक्षा मंत्री सिकंदर सिंह मलूका के घर के समक्ष मार्च निकालने के उपरांत धरना देकर प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व एनएसयूआई पंजाब की अध्यक्ष दामन बाजवा व संगठन के राष्ट्रीय महासचिव जसविंदर सिंह कर रहे थे। यह मार्च कांग्रेस भवन, चंडीगढ़ से शुरू होकर गांव कांसल पहुंचा। इस दौरान हाथों में बैनर लिए विद्यार्थियों ने किताब घोटाले में शामिल मंत्री के विरुद्ध नारेबाजी की।
प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए दामन बाजवा ने मलूका को कैबिनेट से बर्खास्त किए जाने व मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि किताब घोटाले ने आकाली-भाजपा सरकार के चेहरे पर धब्बा लगा दिया है। मलूका विद्यार्थियों को अश्लील शब्दावली वाली भेजी गई किताबों को लेकर अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकते। जिसमें पं.जवाहरलाल नेहरू जैसे महापुरुषों के प्रति गलत शब्दों का इस्तेमाल किया गया है। दामन ने मलूका को इस पद के प्रति प्रति कुछ सम्मान दिखाते हुए खुद ही नैतिक आधार पर इस्तीफा देने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यह अफसोसजनक है कि मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल मलूका का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बादल सरकार युवाओं की समस्याओं का हल ढूंढने में नाकाम रही है। आकाली-भाजपा गठबंधन ने युवाओं को बेरोजगारी भत्ता व स्कूली विद्यार्थियों को लैपटॉप देने का वादा किया था। लड़कियों को मुफ्त शिक्षा देने का भी भी वादा किया गया था। मगर कोई भी वादा पूरा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि एनएसयूआई नशाखोरी के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाएगी।
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