चंडीगढ़। पंजाब के शिक्षा मंत्री स.सिकंदर सिंह मलूका ने अपने ऊपर लग रहे कथित आरोपों को बेबुनियाद और निराधार बताते हुए कांग्रेसियों के धरना-प्रदर्शन और आंदोलन को औचित्यहीन करार दिया। उन्होंने कहा कि जब किसी मामले की जांच चल रही हो तो आंदोलनात्मक कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। इससे जांच प्रक्रिया के संचालन में दिक्कत होती है। हमेशा अपनी बात उचित फोरम पर कहना चाहिए।
विपक्षी कांग्रेस द्वारा लगाए जा रहे किताब घोटाले के कथित आरोपों के बाबत पंजाब के शिक्षा मंत्री स.सिकंदर सिंह मलूका ने 3 जून की सुबह खास बातचीत में कहा कि उनके ऊपर कांग्रेसियों द्वारा लगाया जा रहा आरोप निराधार व बेबुनियाद है। फिर भी जो आरोप लगाए गए हैं उसकी जांच सेवानिवृत्त जज से कराई जा रही है। बावजूद इसके धरना-प्रदर्शन और आंदोलन का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि किसी को कोई दिक्कत है तो अपनी बात साक्ष्य के साथ जांच अधिकारी के समक्ष रखे।
मलूका ने कांग्रेसियों पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें (कांग्रेसियों) तो किसी जांच एजेंसी पर भरोसा ही नहीं है। कांग्रेसी सिर्फ सीबीआई को जानते हैं। केवल सीबीआई से जांच कराने से उन्हें संतुष्टि मिलेगी। उन्होंने कहा कि सीबीआई की छवि के बारे में देश ही दुनिया जान गई है। जब सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणी कर दी तो बचा ही क्या रह गया। उन्होंने पुनः खुद पर लगे आरोपों को निराधार व बेबुनियाद बताते हुए कहा कि वक्त आने पर सब स्पष्ट हो जाएगा।
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