चंडीगढ़। पंजाब प्रदेश कांग्रेस के महासचिव फतेहजंग सिंह बाजवा ने कहा कि किताब घोटाले में अपनी किरकिरी कराने वाले शिक्षा मंत्री सिकंदर सिंह मलूका अब अपना नैतिक आधार भी खो चुके हैं और अपनी गलती को डायरेक्टर जनरल ऑफ एजुकेशन (डीजीएसई) पर थोपना चाहते हैं। जारी बयान में बाजवा ने कहा कि अपनी बहु परमजीत कौर अतिरिक्त डीजीएसई को बचाने के लिए मलूका द्वारा डीजीएसई वरिष्ठ आईएएस केएस पन्नू पर आरोप लगाना सैद्धान्तिक रूप से गलत है। क्योंकि सभी वित्तीय व प्रशासनिक ताकतें मलूका की बहु के पास थीं। बाजवा ने कहा कि मलूका कांग्रेस द्वारा किए जा रहे विरोध से घबरा रहे हैं। कांग्रेस ने मलूका की करतूतों का खुलासा किया है और इसको अंजाम पर पहुंचाया जाएगा। मलूका प्रदर्शनकारियों पर आरोप लगाकर अपने घमंड का सबूत दे रहे हैं और लोगों की भावनाओं की बेइज्जती कर रहे हैं। अच्छा होगा, यदि मलूका अपने पद को त्याग दें और स्कूली छात्रों के लिए लिए नैतिकता का उदाहरण पेश करें।
उन्होंने मलूका द्वारा जिला शिक्षा अधिकारियों व स्कूल प्रमुखों पर उनके लिए रैली करने का दबाव बनाने पर सवाल किया है। साथ ही अध्यापकों को मंत्री की तानाशाही से न डरने को कहा और अपने काम के प्रति ईमानदारी दिखाने की अपील की है। बाजवा ने कहा कि मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल मलूका की गलतियों के लिए बराबर के जिम्मेदार हैं। मलूका के साथ बादल भी नैतिक मूल्यों पर असफल रहे हैं। दागी मंत्री को सरंक्षण देकर बादल लोगों में अपनी छवि खो रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले पशुपालन मंत्री को बार्डर एरिया विकास फंड में क्लीन चिट देकर जूनियर अफसरों को सजा दी गई थी। अब इस मामले में भी शिक्षा विभाग के जूनियर अफसरों को बलि का बकरा बनाने की कोशिश चल रही है।
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