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नई दिल्ली के सीरीं फोर्ट ऑडोटोरियम में हुआ गंगा पर गंभीर मंथन

कार्यक्रम में मौजूद थे केन्द्रीय मंत्री हरीश रावत, सांसद तरुण विजय, स्वामी चिदानन्द सरस्वती समेत अनेक प्रमुख लोग
नई दिल्ली/ऋषिकेश। नई दिल्ली के सीरी फोर्ट ऑडोटोरियम में गंगा एवं यमुना की निर्मलता और अविरलता के मुद्दों पर गंभीर चिन्तन मन्थन हुआ। लाईफ ओेके टेलीविजन चैनल की पहल पर आयोजित महादेव गंगा महोत्सव कार्यक्रम के तहत हुई परिचर्चा के केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री हरीश रावत, उत्तराखण्ड से राज्यसभा सांसद तरुण विजय, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती, इंडिया टूडे के संपादक श्री दिलीप मंडल, अभिनेता एवं भोजपूरी गायक मनोज तिवारी, गंगा बेसिन प्राधिकरण से सदस्य डा. बीडी त्रिपाठी इस चर्चा में शामिल थे। दिलीप अवस्थी ने परिचर्चा का समन्वय एवं संचालन किया। लगभग ढाई घण्टे चली परिचर्चा में काग्रेंस और भाजपा गंगा के लिए एकमत हुए कि अब बहुत हो गया, गंगा व यमुना के लिए ठोस व सार्थक प्रसाय सभी के द्वारा एकमत होकर किये ही जाने चाहिए। नदियों को आपस में जोड़ने के लम्बे समय से लम्बित मुद्दों गंगा व यमुना में सीवर का गंदा पानी तथा औद्योगिक कचरों पर प्रतिबन्ध लगाने और नदियों में प्रदूषण करने पर सक्त सजा का प्रावधान करने जैसे मुद्दों पर दोनों पार्टियाँ एकमत नजर आईं। हरीश रावत ने इसके लिए केन्द्र सरकार की ओर से एक मुश्त प्रयास करने का आश्वासन दिया और राजनैतिक पार्टियों सा व आध्यात्मिक संस्थानों से पूरा सहयोग करने का आह्वान किया। भूगर्भ जल को रिजर्व बैंक तथा धरातल पर उपलब्ध जल का करेंट एकाउन्ट बताते हुए उन्होंने भूगर्भ जल को रिजर्व रखने एवं धरातल के जल को बढ़ाने की आपत्ति देशवासियों से की। सांसद तरुण विजय ने मृत शरीरों को नदियों में नहीं डालने के प्रस्ताव पर देश की आध्यात्मिक शक्तियों से सहयोग करने का विनम्र आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सम-सामयिक बदलाव सनातन धर्म की परंपरा रही है। पानी और हवा को शुद्ध रखने के लिए आज ही परिस्थितियों में समयक निर्णय लेने की बड़ी जरुरत है। रावत व तरुण ने अपनी सांसद निधि से हरिद्वार में एक घाट कांवड़ के विर्सजन के लिए बनाने पर भी एकराय बनाये ताकि गंगा के कांवड़ के प्रवाह से रोका जा सके। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने केन्द्रीय सरकार से नदियों के लिए किये जा रहे कार्यों को मेट्रो रेल की तरह गैर सरकारी संस्थाओं को सौंपने का सुझाव दिया और गंगा और यमुना में प्रदूषण करने पर सक्त सजा का प्रावधान करने का सुझाव दिया। श्री मुनि जी महाराज ने ऋषिकेश में गंगा संसद आयोजित करने का प्रस्ताव भी रखा। इंडिया टूडे के संपादक दिलीप मंडल ने कहा कि गंगा व यमुना में बढ़ी धन की भयानक लूट से गंगा बहुत नाराज हो गयी है। प्रान्त उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर आदि जिलों का हवाला देतु हुए उन्होंने कहा गंगा बेसिन के बसे गांव व नगरों में कैंसर जैसे गंभीर रोग शुरु हो गया है। केन्द्रीय सरकार व राज्य सरकारों को अब बिना देर किये हालात को संवारने का आवाह्न करते हुए उन्होंन कहा कि नवोदय विद्यालयों और सड़कों का जाल बिछाने की तरह केन्द्र सरकार गंगा व यमुना को स्वच्छ व निर्मल बनाने का काम सर्वोच्च प्राथमिकता पर लेकर एक सीमित में उसे पूरा करे। डा.बीडी त्रिपाठी ने गंगा व यमुना पर चल रहे कार्यों के लिए मॉनीटरिंग कमेटियाँ गठित करने और हर स्तर पर जिम्मेदारी तय करने का आग्रह किया। उधर, आज परमार्थ गंगा तट पर सम्पन्न गंगा आरती में प्रशासनिक अकादमी मसुरी से आए 11 आईएएस, आईपीएस, आईआरएस अधिकारियों में भागीदारी की। साध्वी भगवती सरस्वती ने इन प्रशिक्षु अधिकारियों को परमार्थ निकेतन आश्रम द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी।


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