आगरा/गोरखपुर, एनएफए। महज 12 घंटे के बाद ही जनसाधारण एक्सप्रेस में डकैती की कहानी बदल गई। खुद को ट्रेन से फेंके गए यात्री बताने वाले ही लुटेरे निकले। बदमाशों ने पहले साधारण बोगी में लूटपाट की और यात्रियों की जमकर धुनाई की। लेकिन यात्रियों के लामबंद होने के बाद उन्हें जान बचाना मुश्किल पड़ गया। गिरोह के छह सदस्यों को राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने गिरफ्तार कर लिया, जबकि दो फरार हैं। सोमवार रात दिल्ली से पटना जा रही जनसाधारण एक्सप्रेस के जनरल कोच में बदमाशों ने जमकर लूटपाट की थी। चलती ट्रेन से पांच लोगों को एत्मादपुर के नजदीक टूंडला पुल पर फेंका गया था। मंगलवार को आइजी रेलवे शैलेंद्र प्रताप सिंह ने पत्रकार वार्ता में बताया कि ट्रेन से फेंके गए युवकों से देर रात तक पूछताछ की गई। जिसमें युवकों ने अपना गुनाह कबूल लिया। उन्होंने बताया कि अलीगढ़ से ट्रेन निकलते ही बदमाश दिलशाद उर्फ पट्टू पुत्र अब्दुल खालिद व मुन्ना पुत्र जोधन शाह ने दस रुपये में चेन खरीदो, इनाम पाओ का खेल शुरू किया। जल्द ही इस खेल में कई और भी यात्री शामिल हो गए, फिर बदमाशों ने स्कीम के बारे में यात्रियों को बताना शुरू कर दिया। इसी बीच बाकी बदमाशों ने ट्रेन की सीट के नीचे छुपाए गए डंडे, रॉड व पीतल का पंच निकाल लिया और यात्रियों को धमकाते हुए लूटपाट शुरू कर दी। विरोध पर कई यात्रियों को लहूलुहान कर दिया। जिसके बाद एकजुट हुए यात्रियों ने बदमाश राजन उर्फ राजेश पुत्र हेमचंद्र को चलती ट्रेन से बाहर फेंक दिया। यह देख अन्य बदमाशों के होश उड़ गए। पब्लिक ने बदमाशों को घेरकर लूटे गए पैसे और मोबाइल छीन लिए। मामला उलटा पड़ता देख मुन्ना पुत्र जोधन शाह, रवि पुत्र रमेश कुमार, कुंदन पुत्र नारायण चौधरी, भोला पुत्र रामबाबू, ललित पुत्र एम चंद्र, कैलाश कुमार चलती ट्रेन से कूद गए। इसमें भोला और कैलाश फरार हैं। जिन्हें यात्री समझ पहले एत्मादपुर फिर एसएन अस्पताल में भर्ती कराया गया। आइजी ने बताया कि सभी बदमाश मुजफ्फरपुर (बिहार) के हैं, जो दिल्ली में मजदूरी करते और रिक्शा चलाते हैं। उधर, रवि नामक घायल युवक जिसने खुद को गोरखपुर निवासी बताया है, वह भी बदमाशों में शामिल रहा है। पुलिस उसकी भी जांच कर रही है।
(साभार)
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