गोरखपुर। श्रीदुर्गा सप्तशती का पाठ, पूजन एवं हवन के साथ नव दुर्गा स्वरूपा कुंआरी कन्याओं के पूजन, श्रीराम जन्मोत्सव और भण्डारे का आयोजन गोरखनाथ मन्दिर में हुआ। इसी के साथ बांसतीय नवरात्र का विधिवत समापन हुआ। इस बाबत गोरक्षपीठ के उत्तराधिकारी योगी आदित्यनाथ जी ने बताया कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा 11 अप्रैल 2013 से श्री गोरखनाथ मन्दिर में लोक कल्याण एवं राष्ट्र रक्षा की भावना के साथ श्री श्री शतचण्डी महायज्ञ का आयोजन प्रारम्भ हुआ था, जिसमें नित्य प्रातः एवं सायं 12 आचार्यों द्वारा श्री श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ एवं हवन का आयोजन होता था। इसी क्रम में 18 अप्रैल से अखण्ड रामायण का पाठ तथा नवमी पर श्रीराम जन्मोत्सव को भी धूमधाम सम्पन्न हुआ। तत्पश्चात श्री श्रीदुर्गा सप्तशती, शतचण्डी महायज्ञ तथा अखण्ड रामायण पाठ की पूर्णाहुति के उपरान्त नव दुर्गा स्वरूपा कुंआरी कन्याओं का पूजन सम्पन्न हुआ। तदुपरान्त उपस्थित भक्तों, शुभचिन्तकों ने भण्डारा प्रसाद का आनन्द लिया। श्री शतचण्डी महायज्ञ के मुख्य आचार्य पं.रामानुज त्रिपाठी रहे तथा मुख्य यजमान आकाशचन्द पुत्र कैप्टन कमलेश चन्द बैंकाक निवासी रहे।
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