गुरुग्राम। महाराष्ट्र में भाजपा को झटका लगने के बाद बुधवार को हरियाणा कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने मनोहर लाल खट्टर सरकार पर निशाना साधा। हुड्डा ने शाम चार बजे के बाद एक के बाद एक दो ट्वीट किए और लिखा कि राज्य में सरकार बने 1 महीना हो गया और इखढ 1 महीने से हार के कारण ढूंढ रही है। कारण मैं बताता हूं। 2014 में लोगों से जो वायदे किए थे वो पूरे नहीं किए। हुड्डा ने लिखा कि यह घोटालों की सरकार है। धान घोटाला, किलोमीटर स्कीम घोटाला हुआ है, कैग रिपोर्ट में भी खनन घोटाला उजागर हुआ। इन सबकी सीबीआई जांच होनी चाहिए।
पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा कि कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा, भानुमति ने कुनबा जोड़ा' की तर्ज पर हरियाणा में भाजपा और जजपा सरकार बनी। दोनों दल पहले ये स्पष्ट करें कि क्या भविष्य में अगला चुनाव एक साथ लड़ेंगे? हुड्डा ने चेतावनी दी कि गठबंधन सरकार जनता से किये वादों को पूरा करेगी, तो प्रशंसा करेंगे और मुकरी तो सड़क से लेकर सदन तक आवाज उठाएंगे। गौरतलब हो कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने 24 अक्टूबर को चुनाव परिणाम आने के बाद दिवाली के दिन 27 अक्टूबर को शपथ ली थी। महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव साथ-साथ हुए थे। हरियाणा में भाजपा ने जननायक जनता पार्टी और 7 निर्दलीय का समर्थन लेकर सरकार बना ली थी, हालांकि सरकार अभी एक महीने में बहुत सक्रिय नहीं हो पाई है। हुड्डा के हमले को इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। भाजपा ने चुनाव में 40 और कांग्रेस ने 31 सीटें जीती थीं, जबकि जेजेपी को 10 और 1 सीट इनेलो और 1 सीट हरियाणा लोकहित पार्टी को मिली थी। बाकी सीटों पर निर्दलीय विजयी रहे थे। भाजपा ने प्रदेश में सरकार को स्थिर रखने के लिए जेजेपी से दो लोगों को मंत्रिमंडल में जगह दी है। इसके साथ एक निर्दलीय को मंत्री और चार अन्य निर्दलीयों को चेयरमैन बनाया है।
विधानसभा चुनावों के बाद अब हरियाणा में तीन नगर निगमों और चार नगर परिषदों में चुनाव कराने की तैयारी है। अंबाला, सोनीपत व पंचकूला में जहां नगर निगम के चुनाव होंगे, वहीं अंबाला छावनी, कालका, पिंजौर और रेवाड़ी में नगर परिषद के लिए वोट पड़ेंगे। इसके अलावा ग्राम पंचायतों और जिला परिषदों में रिक्त पदों के लिए भी उप चुनाव कराया जाएगा। दिसंबर के अंत या जनवरी के पहले पखवाड़े में चुनाव कराने के लिए राज्य चुनाव आयोग के अधिकारी कार्यक्रम तैयार करने में जुटे हैं। नवगठित नगर परिषदों और नगर निगमों में वार्डबंदी का काम लगभग पूरा हो चुका है। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में मामला लंबित होने के चलते यहां लंबे समय से चुनाव लटके हुए थे। अंबाला नगर निगम से अंबाला छावनी और पंचकूला नगर निगम से पिंजौर व कालका को अलग कर परिषद बनाने के खिलाफ हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। विवाद निपटने के बाद अब यहां डेढ़ साल के इंतजार के बाद चुनाव कराने का रास्ता साफ हो गया है। कांग्रेस विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने और भाजपा को 75 पार की बजाए 40 पर रोकने के बाद से जोश में है। पार्टी प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैजला और दूसरे नेताओं की अगुवाई में जिला स्तर पर प्रदर्शन के जरिए लोगों के मुद्दे उठाने में जुटी है।
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