नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने जल शक्ति अभियान की पहल की है जिसके तहत वाटर बाडीस का रिनोवेशन औद्यागिक उपयोग को कम करना, बारिश के पानी का हार्वेस्टिंग करना एवं वेस्ट पानी का पुन: उपयोग में लाना इत्यादि प्रमुख है। पीथमपुर में स्थित प्रतिभा सिन्टेक्स लि. एक समूह है जो जल संरक्षण मानदण्डों के लिए काम कर रहा है। आईल एवं गैस उघोग के बाद टेक्सटाईल उद्योग ही ऐसा उद्योग है जिसमें पानी का प्रदुषण मुख्यत: होता है। यह हमारी जवाबदारी है कि पानी का पूर्ण रूप से पुन: उपयोग कर आने वाली पीढ़ी के लिए जल संग्रहण करें। कम्पनी के इन्जिनियरिंग हेड अमृतपाल सिंह छाबड़ा द्वारा कहा गया कि हमने अपने परिसर में नवीनतम ईटीपी, एसटीपी और वर्षा जल संचयन संयन्त्र स्थापित किये हैं।
प्रतिभा सिन्टेक्स अपने अत्याधुनिक संयंत्र और चार चरण आरओ के माध्यम से डाईहाउस से निकलने वाले दूषित जल को 100 प्रतिशत रिसाईकल करता है एवं 97 प्रतिशत पानी को शुद्ध कर पुन: डाई हाउस में उपयोग में लाया जाता है। शेष 3 प्रतिशत पानी को वाष्प कर उड़ा दिया जाता है। परिसर में सीवेज ट्रीटमेन्ट प्लांट नवीनतम तकनीक से विकसित किया गया है जो कि परिसर में रहने वाले 2000 लोगो के माध्यम से उत्पन्न डोमेस्टिक सीवेजवाटर को शुद्ध करता है। 68 प्रतिशत शुद्ध पानी बायलर एवं डाईहाउस की आवश्यकता के लिए उपयोग में लाया जाता है, जबकि बचा हुआ 32 प्रतिशत पानी युमिडिकेशन प्लांट एवं बागवानी में उपयोग में लाया जाता है ।
कम्पनी ने अपनी गारमेन्ट यूनिट में वर्षा जल संचयन संयंत्र भी विकसित किया है जिसमें 4800 किलो लीटर पानी एकत्र करने की क्षमता है। इस पानी का उपयोग जल स्तर को बढ़ाने के लिए किया जाता है। प्रतिभा कम्पनी ने वाटर रिसाईकलिंग, पुन: उपयोग एवं रेनवाटर हार्वेस्टिंग की प्रक्रिया के द्वारा शुद्ध पानी की खपत को 500 किलोलीटर प्रति दिन कर दिया गया है जो कि वर्ष 2010-11 में 1400 किलोलीटर प्रतिदन थी । इसकी पुष्टि इन्जिनियरिंग हेड अमृतपाल सिंह छाबड़ा द्वारा की गयी। कम्पनी के जल संरक्षण के प्रयासों से अभिभूत होकर प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा वर्ष 2018 में मध्यप्रदेश राज्य स्तरीय पर्यावरण पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया है ।
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