नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में कोई प्रतिबंध नहीं होने से जुड़े गृहमंत्री अमित शाह के बयान के एक दिन बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने सोमवार को दावा किया कि राज्य में सबकुछ ठीक नहीं है और इस सरकार निर्मित आपदा (गर्वन्मेंट मेड डिजास्टर) ने कारोबार खत्म कर दिया है और लाखों लोग भुखमरी के कगार पर हैं। न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार, जम्मू और कश्मीर के छह दिनों का दौरा करने के बाद वापस दिल्ली लौटे आजाद ने यह भी कहा कि लाखों मजदूरों को तत्काल राशन पहुंचाया जाए, गिरफ्तार नेताओं को रिहा किया जाए तथा नए सिरे से परिसीमन के बाद ही वहां ब्लॉक स्तरीय चुनाव कराए जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि कश्मीर के लोग गांधीवादी रास्ते पर चलकर सविनय अवज्ञा के रास्ते पर चल रहे हैं, लेकिन उनकी यह मुहिम सरकार नहीं बल्कि अपने खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद जम्मू-कश्मीर का दौरा करने वाले आजाद ने संवाददाताओं से कहा कि कश्मीर के लोग सविनय अवज्ञा के रास्ते पर चल रहे हैं। उनकी यह मुहिम अपने खिलाफ है। उनका कहना है कि कोई कारोबारी गतिविधि में भाग नहीं लेंगे और भूखे रहेंगे।
आजाद ने यह कहा कि मुख्य रूप से कश्मीर की अर्थव्यवस्था पर्यटन, हैंडीक्राफ्ट और फल के कारोबार पर निर्भर है। सरकार निर्मित आपदा से लोगों का पूरा कारोबार खत्म हो गया है। उन्होंने घाटी और जम्मू के अपने दौरे का विवरण पेश करते हुए कहा, सिर्फ कश्मीर नहीं, जम्मू में सब कुछ बिल्कुल ठीक नहीं है। सत्तारूढ़ पार्टी के लोग अपने नेताओं के डर से नहीं बोल रहे। जम्मू में कारोबार बैठ गया है। पाकिस्तान से लगी सीमा पर गोलीबारी बढ़ गई है। आजाद ने यह दावा भी किया कि लोग सेना और सीआरपीएफ के खिलाफ कोई शिकायत नहीं कर रहे हैं, बल्कि स्थानीय प्रशासन के खिलाफ शिकायत कर रहे हैं क्योंकि केंद्र सरकार स्थानीय प्रशासन के जरिए लोगों को परेशान कर रही है। उन्होंने कहा कि भूखमरी का सामना कर रहे लाखों मजदूरों को छह महीने तक राशन मुफ्त दिया जाना चाहिए, इंटरनेट टेलीफोन सेवा बहाल हों, नेताओं को रिहा किया जाए, बैंक कर्ज की किस्त की अदायगी का समय एक-डेढ़ साल आगे बढ़ाया जाए, ब्याज दर कम की जाए।
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