भुवनेश्वर। रेडक्रास भवन स्थित केनरा बैंक आंचलिक कार्यालय में राजभाषा हिन्दी पखवाड़ा समारोह : 2019 मनाया गया। समारोह के आमंत्रित विशिष्ट अतिथि द्वय अशोक पाण्डेय और कुना त्रिपाठी, चेयरमैन ओएफडीसी, ओडिशा सरकार सह विख्यात ओडिया अदाकर का स्वागत सह सम्मान आंचलिक कार्यालय के हेड महाप्रबंधक श्रीकांत महापात्र ने महाप्रभु जगन्नाथ की चांदी की प्रतिमा स्मृति चिह्न के रुप में, अंगवस्त्र और पुष्पगुच्छ भेंटकर किया। लगभग दो घण्टे तक चले हिन्दी कार्यक्रमों का विस्तृत विवरण सुश्री गीता राणा बैंक की आंचलिक राजभाषा अधिकारी ने प्रदान किया। केनरा बैंक राजभाषा अक्षय योजना पुरस्कार तथा हिन्दी पखवाड़ा 2019 के अवसर पर आयोजित विभिन्न हिन्दी प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। बैंक के महाप्रबंधक श्रीकांत महापात्र जो पूर्व में रुस, मास्को में भी अपनी प्रशंसनीय बैंक सेवाएं उपलब्ध करा चुके हैं उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि ओडिशा में केनरा बैंक अपने ग्राहकों के मध्य अपनी सेवा भावना, आत्मीय सहयोग और विश्वसनीयता के लिए जाना जाता है। हिन्दी बोलचाल की भाषा है। उनका बैंक सरकारी कामकाज में हिन्दी को प्रोत्साहन देता है। साथ ही साथ भारत के संविधान में मान्य सभी राजभाषाओं का भी उनके मन में सम्मान हैं। हास्य-विनोद ओडिया अदाकर कुना त्रिपाठी ने न्यूज-फ्यूज स्टाइल में जय जगन्नाथ! कहकर ओडिया-हिन्दी को अपनाने का संदेश दिया। उन्होंने यह भी बताया कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के समय से ही हिन्दी को ओडिशा में बढ़ावा दिया जा रहा है इसीलिए आज भी कअक में राष्ट्रभाषा रोड है। राष्ट्रभाषा प्रचार सभा भवन है। विगत लगभग 30 वर्षों से कुल 130 ओडिया फिल्मों सह धारावाहिकों में विभिन्न भूमिका अदा कर चुके कुना त्रिपाठी ने बताया कि हमसब को सभी राजभाषाओं का आदर करना चाहिए। अशोक पाण्डेय ने कहा कि मातृभाषा, राजभाषा और राष्ट्रीय भाषाओं का अपना स्थान विशेष पर अलग-अलग महत्त्व है। उन्होंने हिन्दी के स्वर्गीय मैथिली शरण गुप्त की कविता की कुछ पंक्तियों को उद्धृत करते हुए कहा कि - मेरी भाषा में तोते भी जब राम-राम कहते हैं, मेरे रोमरोम में मानो सुधास्त्रोत सम बहते हैं। यह कहकर पक्षीजगत के हिन्दी प्रेम को स्वर्गीय गुप्तजी ने स्पष्ट कर दिया है। उनके अनुसार हिन्दी की शब्द-सम्पदा काफी समृद्ध है जिसका प्रयोग विदेशों में स्थित भारतीय राजदूतावासों में हो रहा है। मास्को समेत अनेक विदेशी हिन्दी विद्वानों को, लेखकों और कवियों को अबतक अनेक विद्यामार्तण्ड और हिन्दी पीएचडी जैसी उपाधियां प्रदान की जा चुकी हैं। कार्यालय की सहयोगी मधुस्मिता तथा शर्मीला ने ईश वंदना प्रस्तुत कीं। जोेगिन्द्र सिंह घणघम, डीजीएम ने स्वागत भाषण दिया। गौरव शुक्ला ने भारतीय गृहमंत्री का हिन्दी दिवस संदेश पढ़कर सुनाया। अंत में आभार प्रदर्शन किया सुजीत कुमार साहु एजीएम ने।
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