इंदौर। महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के टाइटल स्पांसरशिप के अंतर्गत गठित आॅटोमोटिव इंजीनियर्स की एक प्रोफेशनल संस्था एसएई इंडिया ने आज बहुप्रतीक्षित बाहा सीरीज के 13वें संस्करण के आरंभ की घोषणा की। फाइनल इवेन्ट 23 से 26 जनवरी 2020 तक इंदौर के पास नैट्रिप, पीथमपुर में और 6 से 8 मार्च 2020 तक चंडीगढ़ के चितकारा यूनिवर्सिटी में आयोजित किया जाएगा। बाहा एसएई इंडिया 2020 के लिए 24 राज्यों से करीब 282 प्रविष्टियां पूरे भारत के कॉलेजों से प्राप्त हुईं, जिसमें से 200 टीमों को पारंपरिक बाहा के लिए और 56 टीमों को वर्चुअल राउंड में ई-बाहा के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया। एआरएआई के सीनियर डिप्टी डायरेक्टर डॉ. केसी वोरा आयोजन समिति के चेयरमैन हैं, और पीथमपुर के लिए एस बलराज को और चंडीगढ़ के लिए शोएब सादिक को संयोजक बनाया गया है। आॅटोमोटिव और इंजीनियरिंग उद्योग के प्रतिष्ठित व्यक्ति बाहा एसएईइंडिया के नवीनतम संस्करण के लिए पैनल में मौजूद रहेंगे।
मध्य प्रदेश से आईं 16 प्रविष्टियों में इंदौर के 8 कॉलेज हैं, जिन्होंने फाइनल के लिए क्वालिफाई किया है। बाहा सीरीज के पिछले कुछ संस्करणों के लिए, मध्य प्रदेश से आने वाली अधिकतम प्रविष्टियाँ इंदौर शहर से रही हैं। इंदौर के कॉलेजों ने पिछले कुछ वर्षों से फाइनल इवेन्ट में अधिक पुरस्कार जीते हैं, जिसमें प्राइड आॅफ इंदौर अवार्ड भी शामिल है। बाहा एसएई इंडिया छात्रों को 4 दिनों के पाठ्यक्रम में भाग लेने का अवसर देता है, जिसमें छात्रों को एक सिंगल सीटर चार व्हील वाले आॅल-टेरेन वाहन (एटीवी) को डिजाइन करने, बनाने, परीक्षण करने और सत्यापन करने का कॉन्सेप्ट विकसित करने का कार्य दिया जाता है। इस कार्यक्रम में तकनीकी निरीक्षण, डिजाइन, लागत और सेल्स प्रेजेन्टेशन जैसे स्टेटिक मूल्यांकन, और एक्सेलेरेशन, स्लेज पुल, मैन्यूवरबिलिटी जैसे डायनामिक इवेन्ट्स शामिल होंगे। सस्पेंशन और ट्रैक्शन के बाद 4 घंटे का एंड्यूरेंस इवेन्ट होगा।
बाहा एसएईइंडिया के लिए एक उल्लेखनीय विशेषता यह है कि वह हर साल एक नई थीम प्रस्तुत करता है। इस वर्ष, बाहा 2020 की थीम ह्यब्रेकिंग कन्वेंशंसह्ण है, जो बाहा की सोच के अनुकूल है। चाहे वह ई-बाहा हो या आॅल-गलर््स टीम हो, बाहा हर तरह से चुनौतीपूर्ण कन्वेंशंस से जुड़ा है। आज मोबिलिटी का भविष्य अपरंपरागत दिखता है और सारा उद्योग अनिश्चितता का सामना कर रहा है, बाहा इस अवसर का लाभ उठाना चाहेगा और इन नवोदित इंजीनियरों के भविष्य को तैयार करेगा जो पारंपरिक सोच और विचारों केदायरे से बाहर निकल सकते हैं और शानदार इनोवेटर्स के रूप में उभर सकते हैं, जो भविष्य की मोबिलिटी को नेतृत्व प्रदान करेंगे। भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का लाभ लेने के लक्ष्य के साथ बाहा एसएई इंडिया ने 2015 में ई-बाहा सीरिज शुरू की थी। जहां पारंपरिक बाहा वाहन, 10 एचपी ब्रिग्स और स्ट्रैटन गैसोलीन इंजन पर चलते हैं, जो सभी 201 एमबाहा टीमों के लिए आम बात है, तो वहीं ई-बाहा वाहन 6 किलोवाट की अधिकतम विद्युत शक्ति वाले इलेक्ट्रिक मोटर से चलेंगे और इनमें रिचार्जेबल लिथियम-आयन बैटरी पैक भी उपलब्ध होगा। यहां, छात्र मोटर, कंट्रोलर और बैटरी को लेकर अपना बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम (बीएमएस) बनाने और डिजाइन करने के लिए स्वतंत्र हैं। पिछले साल से, हमने इलेक्ट्रिकल वाहनों के लिए मानव संसाधन की आवश्यकता को देखते हुए, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग क्षेत्र से अधिक छात्रों को इस इवेन्ट में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया है। इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने और इस क्षेत्र में काम करने के लिए मानव संसाधन विकसित करने के लिए, एसएईइंडिया ने सभी नई ई-बाहा टीमों को 50,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने की घोषणा की है। एसएईइंडिया भी सभी राज्यों की टीमों, अधिक महिला इंजीनियरों और नॉन-मेकेनिकल पृष्ठभूमि से आने वाले अधिक इंजीनियरिंग छात्रों को शामिल करते हुए विविधता का समर्थन करती है।
- Blogger Comments
- Facebook Comments
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
0 comments:
Post a Comment
आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।