लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा मुरादाबाद के एक अस्पताल में किए गए दौरे को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. मौके पर मौजूद रहे स्थानीय पत्रकारों के एक समूह ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री के आने पर उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया गया, ताकि वे योगी से कठिन सवाल न पूछ सकें. जब कांग्रेस के प्रियंका गांधी वाड्रा समेत विपक्ष ने आरोपों के बाद सरकार पर निशाना साधा, तो जिलाधिकारी ने ऐसी किसी भी घटना से इनकार किया.
प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर लिखा कि पत्रकार बंधक बनाए जा रहे हैं, सवालों पर पर्दा डाला जा रहा है, समस्याओं को दरकिनार किया जा रहा है. प्रचंड बहुमत पाने वाली उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार जनता के सवालों से ही मुंह बिचका रही है. नेताजी ये पब्लिक है ये सब जानती है. सवाल पूछेगी भी और जवाब लेगी भी.
आईएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, पत्रकारों ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री के दौरे से पहले, उन्हें दो घंटे के लिए इमरजेंसी वॉर्ड में बंद कर दिया गया था. उन्होंने यह भी कहा कि जिला मजिस्ट्रेट राकेश कुमार सिंह ने यह सुनिश्चित करने के लिए गेट के बाहर गार्ड तैनात किए ताकि पत्रकार शनिवार को मुख्यमंत्री की यात्रा के दौरान बाहर न आ सकें. मुख्यमंत्री के जाने के आधे घंटे बाद, सिंह कथित रूप से आए और गेट को खोल दिया. ऐसा करने के लिए उन्होंने पत्रकारों को ही जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने मीडियाकर्मियों को जिला अस्पताल का दौरा नहीं करने के लिए भी कहा. हालांति राकेश कुमार सिंह का कहना है कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई थी. एएनआई के मुताबिक सिंह ने कहा, यह सही नहीं है. निरीक्षण के दौरान, कई मीडियाकर्मी वार्ड के अंदर थे और हमने मीडियाकर्मियों से बस वार्ड के अंदर नहीं जाने का अनुरोध किया था. हालांकि उन्होंने यह स्वीकार किया कि पुलिस ने पत्रकारों को प्रवेश करने से रोका था, लेकिन केवल इसलिए क्योंकि इससे अस्पताल में पहले से ही भीड़भाड़ की स्थिति पैदा हो गई.
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