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प्रियंका गांधी ने दिया धरना, बोलीं- सोनभद्र जरूर जाएंगे

सोनभद्र। गोलीबारी में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सोनभद्र जाने के लिए अड़ गई हैं। मिजार्पुर जिले के चुनार किला गेस्ट हाउस में अभी भी वह धरने पर बैठी हुई हैं। उनका कहना है कि वह अगर जाएंगी तो सोनभद्र जाएंगी, नहीं तो रात भर चुनार किले में ही रहेंगी। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में 17 जुलाई को जमीनी विवाद को लेकर हुई गोलीबारी में मारे गए लोगों के परिजनों से मिलने के लिए आज सुबह करीब साढ़े 10 बजे कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाराणसी पहुंचीं। इसके बाद करीब 11 बजे वह बीएचयू के ट्रामा सेंटर अस्पताल गईं, जहां उन्होंने सोनभद्र हत्याकांड में गंभीर रूप से घायल लोगों से उनका हाल जाना। इसके बाद सोनभद्र जाने के लिए उनका काफिला रवाना हुआ लेकिन अदलहाट थाने की नरायनपुर चौकी के सामने बैरिकेडिंग लगाकर डीएम और एसएसपी वाराणसी की मौजूदगी में प्रियंका का काफिला रोक दिया गया। इससे नाराज वह नरायणपुर पुलिस चौकी के सामने सड़क पर धरने पर बैठ गई हैं। इस दौरान पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से पूछा कि आखिरकार उन्हें सोनभद्र जाने से रोकने का क्या आधार है और किसका आदेश है? अधिकारियों ने उन्हें बताया कि सोनभद्र में धारा 144 लागू है, इस वजह से उन्हें रोका गया है। इस दौरान पुलिस और कांग्रेस नेताओं के बीच जमकर नोकझोंक हुई। इसके साथ ही कांग्रेसियों ने पीएम मोदी और सीएम योगी के खिलाफ नारेबाजी की। मिजार्पुर के डीएम अनुराग पटेल ने बताया कि प्रियंका गांधी वाड्रा के सोनभद्र जाने पर शांतिभंग की आशंका थी। इसलिए उन्हें रोक कर चुनार किले के गेस्ट हाउस में रखा गया है। मिजार्पुर जिले के चुनार एसडीएम प्रियंका को अपनी गाड़ी में बैठा कर चुनार ले गए। वहीं अजय राय को सीओ चुनार अपनी गाड़ी में बैठा कर ले गए। प्रियंका गांधी और अजय राय को चुनार किले के गेस्ट हाउस ले जाया गया। वहीं प्रियंका ने कहा कि पुलिस ने किस आधार पर हिरासत में लिया है, ये नहीं बता रही है। पुलिस मुझसे अपहरणकतार्ओं जैसा व्यवहार कर रही है। प्रियंका गांधी वाड्रा चुनार गेस्ट हाउस में धरने पर बैठ गईं। उन्होंने कहा कि मैं सोनभद्र जरूर जाऊंगी और जमीन विवाद को लेकर गोलीबारी में मारे गए 10 लोगों के परिजनों से मुलाकात करुंगी। वहीं चुनार किले गेस्ट हाउस में मिजार्पुर के डीएम और एसपी प्रियंका गांधी से बातचीत कर रहे हैं। वह प्रियंका को वापस वाराणसी भेजना चाहते हैं। पुलिस प्रशासन धारा 144 के उल्लंघन में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, पूर्व विधायक अजय राय, ललितेशपति त्रिपाठी समेत 10 लोगों के खिलाफ शांति भंग करने पर कार्रवाई करेगी। काफिला रोके जाने पर प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि वह बस सोनभद्र फायरिंग मामले में पीड़ितों के परिवारवालों से मिलना चाहती हैं। बतया कि साथ में केवल 4 लोग ही जाएंगे। फिर भी प्रशासन ने उन्हें वहां जाने से रोक दिया। इस पर प्रियंका गांधी ने सवाल किया हमें बताना चाहिए कि हमें क्यों रोका जा रहा है? हम यहां शांति से बैठे रहेंगे। प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी पर राहुल गांधी ने ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है। उन्होंने कहा कि प्रियंका को गैरकानूनी तरीके से गिरफ्तार कर परेशान किया जा रहा है। उभ्भा गांव में 10 लोगों को जमीन खाली कराने के लिए क्रूरता से गोलियां चलाकार मारे गए लोगों से मिलने जाने पर प्रियंका का रोका जाना, सरकार की मनमानी और इससे भाजपा सरकार में यूपी में बढ़ती असुरक्षा का खुलासा करती है। घोरावल कोतवाली क्षेत्र के उभ्भा मामले में सीएम योगी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान सीएम एसडीएम घोरावल, सीओ घोरावल, एसओ घोरावल सहित हल्का और बीट के सभी सिपाही निंलबित कर दिए गए हैं। साथ ही इस जमीनी विवाद की जांच अपर मुख्य सचिव राजस्व को सौंप दी है। सोनभद्र जिले के घोरावल कोतवाली क्षेत्र के उभ्भा गांव में भूमि विवाद को लेकर हुई गोलीबारी के बाद खुफिया एजेंसी से जिला प्रशासन को इनपुट मिला है, कि कुछ नेता घटनास्थल पर पहुंचकर माहौल को बिगाड़ने का प्रयास करने वाले हैं। इसको देखते हुए डीएम ने जिले में धारा 144 लागू कर दी है। डीएम अंकित कुमार अग्रवाल ने कहा कि जिले में शांति व्यवस्था बनाए रखने के मद्देनजर धारा 144 लागू की गई है। किसी नेता को घटनास्थल पर नहीं जाने दिया जाएगा। एसपी सलमान ताज पाटिल ने कहा कि जिले से सटे जिलों और प्रदेश के बॉर्डर पर फोर्स अलर्ट कर दी गई है। वाहनों की चेकिंग की जा रही है। सोनभद्र में हुई हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस पीड़ितों के प्रति गहरी संवेदनाए व्यक्त की। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से मृतकों के आश्रितों को पांच-पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। साथ ही जिलाधिकारी सोनभद्र को निर्देश दिए गए कि घायलों को पूरा इलाज सुनिश्चित कराया जाए। मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक को इस मामले में व्यक्तिगत रूप से संज्ञान लेने और दोषियों को गिरफ्तार करके प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोनभद्र में भूमि विवाद की घटना मारे गए 10 लोगों के बारे बात करते हुए कहा कि इस घटना की नींव 1955 में रखी गई थी। तब तत्कालीन तहसीलदार ने गैरकानूनी तरीके से ग्राम समाज की जमीन को आदर्श सहकारी समिति के नाम पर दर्ज किया। इसके अलावा आयुक्त विन्ध्याचल मंडल, मीरजापुर व अपर पुलिस महानिदेशक वाराणसी जोन को संयुक्त रूप से घटना की जांच करने के लिए नामित किया गया है। साथ ही 24 घंटे में जांच की आख्या प्रस्तुत करने के लिए निदेर्शित किया गया। विधान सभा में शुक्रवार को भी सोनभद्र मुद्दे पर हंगामें का महौल रहा। सदन शुरू होते ही, विपक्षियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। वहीं मुख्यमंत्री ने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि सोनभद्र मामले की जांच कमेटी से कराई जाएगी। इस मामले में पीड़ितों को न्याय दिलाया जाएगा, जबकि दोषियों को कड़ी सजा दिलाएंगे।
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