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सूरत में पीएम मोदी का आखिरी दांव, गुजरात में हार के डर से सहानुभूति बटोरने की कोशिश

सूरत से भाषा सिंह की रिपोर्ट 
गुजरात चुनाव में हार को करीब आता देख प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूरत में अपना आखिरी दांव भी फेंक दिया। तकरीबन रुंधे हुए स्वर में 15 मिनट तक उन्होंने ‘गुजरात का बेटा’, ‘गुजरात के गौरव का अपमान’ जैसी बातें कर नाराज गुजरातियों की सहानभूति हासिल करने की पूरी कोशिश की। गुजरात विधानसभा चुनाव अब पूरी तरह से मोदी के नाम पर लड़ा जा रहा है। मोदी के भाषण के तुरंत बाद बीजेपी का यह संदेश लोगों के फोन पर तुरंत ही आना शुरू हो गया, ‘गुजरात ना डिकरा नरेंदेर मोदी ने जिताऊ’ यानी गुजरात के बेटे नरेंद्र मोदी को जिताओ। इसका मतलब कि फिर से विधानसभा चुनाव जीतने के लिए पीएम मोदी का इस्तेमाल करने की पूरी तैयारी थी। इस तरह से तमाम मोर्चों पर बुरी तरह से घिरी हुई बीजेपी ने सहानभूति की नैया के जरिए पार लगने की कोशिश में ‘गुजरात के अपमान का बदला लेने के लिए’ लोगों से वोट देने की अपील की। ऐसा कर एक बार फिर उन्होंने सारी चुनावी रणनीति को अपने ऊपर केंद्रित कर लिया। जीएसटी और नोटबंदी पर उमड़े आक्रोश को खत्म करने के लिए उन्होंने यह दांव चला। सारी बहस को मोड़ते हुए उन्होंने कांग्रेस के नेता मणिशंकर अय्यर की एक टिप्पणी पर केंद्रित कर दिया और उनमें से किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया जिसे लेकर जनता आक्रोशित है। इसके बजाय उन्होने धमकी भरे अंदाज में कहा कि सूरत को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा मिलना चाहिए, क्या वह कांग्रेस दे सकती है, नहीं। वह हम ही दे सकते हैं। इस तरह से गुजरात के मतदाताओं को डराने की भी कोशिश की गई कि अगर कांग्रेस को वोट दिया तो राज्य को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। इस रैली में भरूच से आई कमला बेन ने नवजीवन को बताया, “मोदी जी बहुत दिल से बोल रहे हैं, लेकिन हमारे सवाल पर नहीं बोल रहे हैं। वैसे गुजरात के अपमान की बात दिल को दुखाती है, लेकिन हम भी तो गुजरात के ही हैं।” सूरत में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही सुलेखा पटेल ने कहा, “मोदी जी ने फिर हमारे सम्मान की बात कही, ये सही है। किसी का अपमान करना सही नहीं। पर राहुल जी ने तो ऐसा नहीं बोला।” सूरत में व्यापार करने वाले अजय जांगड़ ने कहा, “ऐसी इमोशनल अपील हर बार मोदी करते हैं। काशी जाते हैं तो वहां के गोद लिए बच्चे हो जाते हैं। हम सब गुजराती ही हैं, जिन्हें उन्होंने जीएसटी, नोटबंदी और महंगाई से मारा है। इस बार इतनी इमोशनल अपील करनी पड़ी, मतलब जमीन बहुत खिसक गई है। सब कुछ दांव पर लगा दिया।” हार्दिक पटेल के साथी धार्मिक मालवीय ने कहा, “गुजरात के बेटे का अपमान तो बीजेपी ने ही किया है। वह पहले भी ऐसे ही बोलते रहे हैं, रो-रोकर वोट मांगते रहे हैं। यह चुनाव का जुमला है। गुजरात के लोगों को अब इनके जुमलों की सच्चाई पता है। हम नोटबंदी, जीएसटी से त्रस्त है, लोगों की रोजी-रोटी बर्बाद है और मोदी जी अपना ही रोना रोते रहते हैं।“ सूरत में वरिष्ठ पत्रकार फैजल बकीली का मानना है कि मोदी के इस भाषण से कुछ ज्यादा नहीं बदलेगा। मोदी का यह स्टंट सब जानते हैं। साभार नवजीवन 
राजीव रंजन तिवारी (संपर्कः 8922002003)
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