भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में किसानों के हित में कई घोषणाएं करते हुए दूसरे दिन अपना अनिश्चितकालीन उपवास तोड़ दिया। उपवास तोड़ने से पहले चौहान ने उपस्थित लोगों से पूछा, ‘‘प्रदेश में शांति बहाली हो गई है। कल और आज कोई भी हिंसा की रिपोर्ट मध्यप्रदेश से नहीं आई है। इसलिए क्या आपकी सहमति है कि मैं अपना उपवास तोड़ दूं।’’ इस पर लोगों ने हाथ उठाकर उन्हें उपवास तोड़ने के लिये जनसमर्थन दिया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में समर्थन मूल्य से नीचे कृषि उत्पाद बेचना अब अपराध होगा। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मैंने रात भर वर्ष 2002 में आयी स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट का अध्ययन किया। इसकी सिफारिशों के अनुसार कई निर्णय लिये हैं तथा कुछ मामलों में इससे बढ़कर भी किसानों के हित में निर्णय लिये हैं। मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य के नीचे कृषि उत्पाद का व्यापार करना अब अपराध घोषित किया जायेगा।’’ इसके अलावा उन्होंने किसानों और उपभोक्ताओं के बीच बिचौलियों को कम से कम करने के उद्देश्य से प्रदेश की सभी नगर पालिकाओं और नगर निगम में ‘किसान बाजार’ स्थापित करने की घोषणा की तथा प्रदेश में किसानों से दूध खरीदने के लिये अमूल खरीद प्रणाली लागू करने की बात भी कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के किसानों को अपनी जमीन के खसरे के प्रति हासिल करने के लिये अब कहीं नहीं जाना होगा, सरकार प्रतिवर्ष यह प्रति निशुल्क उनके घर पहुंचाने की व्यवस्था करेगी।
हालांकि सोशल मीडिया पर शिवराज के उपवास तोड़ने पर प्रतिक्रिया विपरीत रही। इस उपवास को ‘नौटंकी’ बताते हुए कई यूजर्स ने शिवराज की खिंचाई कर दी। एक ट्रोल अकाउंट ने लिखा, ”क्यों भाई, क्या समस्या खत्म या नौटंकी का टाइम पूरा हो गया?” शैलेंद्र पाटिल ने कहा, ”किसानो का खून पिकर अनशन समाप्ति की घोषणा, नौटंकीबाज।” बिलाल फरीदी ने लिखा, ”हाहा! कहा गया था कि उपवास अनिश्चितकाल के लिए है, नौटंकी है।” दीपन शर्मा ने कहा, ”इससे ज्या दा नौटंकी तो केजरीवाल कर लेता है।” चौहान ने प्रदेश में कृषि उत्पादों की कम कीमतों से किसानों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिये प्रदेश में 1000 करोड़ रुपये के ‘मूल्य स्थरीकरण कोष’ के तुरंत गठन किये जाने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 12 साल से प्रदेश का मुख्यमंत्री हूं और हमेशा किसानों के भले के लिये पूरी कोशिश की है। भाजपा सरकार आने से पहले प्रदेश में 7.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा थी अब प्रदेश के 40 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिचाई होती है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘देश में केवल मध्यप्रदेश ऐसा राज्य है जहां शून्य प्रतिशत ब्याज पर 10 प्रतिशत अनुदान के साथ किसान को बीज और खाद के लिये रिण दिया जाता है। इस योजना के कारण प्रदेश में 80 प्रतिशत रिण अदायगी में नियमित हैं। शेष 20 प्रतिशत अनियमित किसानों को भी नियमित करने हेतु उनके लिये ‘रिण समाधान योजना’ लागू की जायेगी।’’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अब किसान चाहे तो रबी और खरीफ दोनों फसलों के लिये यह रिण एक साथ ले सकता है।
- Blogger Comments
- Facebook Comments
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
0 comments:
Post a Comment
आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।