नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी को लेकर नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला। बुधवार को दिल्ली में कांग्रेस पार्टी के एक सम्मेलन में उन्होंने कहा कि 500 और 1000 रुपये के नोटों को अमान्य करने का फैसला देश की अर्थव्यवस्था को बुरे से बदतर की ओर ले जाएगा। मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मजबूत अर्थव्यवस्था के दावे को खोखला बताया। हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक जनवेदना सम्मेलन में उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से कहा कि नोटबंदी का फैसला विनाशकारी है। इससे देश पर असर पड़ा है, लेकिन बदतर समय अभी आने वाला है। 1991 में वित्त मंत्री के तौर पर देश की अर्थव्यवस्था को नया आयाम देने वाले मनमोहन सिंह ने कहा कि नोटबंदी के कारण देश की जीडीपी में 2 प्रतिशत की गिरावट दिखेगी। उन्होंने कहा कि सभी रेटिंग एजेंसियों ने 7.7-7 प्रतिशत या इससे नीचे की ग्रोथ रेट का अनुमान जताया है। इसके कारण कृषि और अनौपचारिक क्षेत्र के रोजगारों में गिरावट आएगी, जो देश की राष्ट्रीय आय में 45 प्रतिशत का योगदान देता है। इसके अलावा वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी.चिदंबरम ने विपक्ष के रवैए को दोहराते हुए कहा कि मोदी सरकार का यह फैसला अर्थव्यवस्था को कमजोर करेगा। न्यूज एजेंसी एनआई ने बुधवार को चिदंबरम के हवाले से कहा कि पूरी दुनिया में सिर्फ वित्त मंत्री अरुण जेटली कह रहे हैं कि नोटबंदी के कारण देश की अर्थव्यवस्था पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
इससे पहले 9 दिसंबर को मनमोहन सिंह ने नोटबंदी के फैसले को बड़ी आपदा बताया था। उन्हों ने देश को आने वाले मुश्किल दौर के लिए तैयार रहने को कहा था। मनमोहन ने अंग्रेजी अखबार ‘द हिंदू’ में कॉलम लिखकर नोटबंदी के फैसले पर सरकार को घेरा था। इसमें उन्होंपने लिखा था कि नोटबंदी का मोदी सरकार का फैसला जल्द बाजी में उठाया हुआ है। इससे देश की आम जनता को भारी परेशानियां झेलनी होगी। मनमोहन ने लिखा था, ”इस योजना के एेलान ने 100 करोड़ से ज्यारदा भारतीयों के आत्म विश्वाठस को समाप्तक कर दिया। इस फैसले से प्रधानमंत्री ने लाखों भारतीयों का भारत सरकार में अपनी और अपने धन की सुरक्षा को लेकर कायम भरोसा और विश्वास चकनाचूर कर दिया है। मोदी सरकार का यह सोचना गलत है कि सारा कैश कालेधन में और सारा कालाधन कैश में मौजूद है। यह मान्योता असलियत से दूर है।”
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