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श्रीराम जन्मोत्सव प्रसंग पर श्री रंगम कृष्ण जी महाराज ने श्रद्धालुओं को किया भावविभोर

धरमपुर में चल रही श्रीराम कथा में कथावाचक की भक्तिभावपूर्ण शब्दों का खूब रसास्वादन कर रहे लोग, 15 जनवरी तक चलेगी कथा, लगातार बढ़ती जा रही भीड़ 
गोरखपुर। धरमपुर में सात जनवरी से चल रही श्रीराम कथा के दरम्यान बुधवार को कथा वाचक श्री रंगम कृष्ण जी महाराज ने श्रीराम जन्मोत्सव प्रसंग को इतने बेहतरीन और भावपूर्ण ढंग से प्रस्तुत किया कि लोग भावविभोर हो गए। पालने में श्रीजी को झूलाकर श्रद्धालुओं ने भजन किए। व्यासपीठ पर विराजित श्री रंगम कृष्ण जी महाराज ने कहा भगवान सभी ओर है। जीवन में सगुण और निर्गुण एक समान है। कहा कि जो सभी की सुनता है वह सगुण होता है लेकिन जो केवल अपने पथ पर चलता है, उसे निर्गुण कहा गया है। हमारे अंदर सगुण भावना होनी चाहिए। कथा के दौरान महाराज ने श्रीराम जन्मोत्सव का महत्व समझाया। उनके द्वारा किए गए पुनीत कार्यों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यदि राम की सही मायने में आराधना करनी है और राम राज्य स्थापित करना है तो ‘जय श्रीराम’ के उच्चारण के पहले उनके आदर्शों और विचारों को आत्मसात किया जाना चाहिए। इसी क्रम में श्री रंगम कृष्ण जी महाराज ने कहा कि ‘यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत अभ्युत्थानम् अधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्यहम्’ यानी जब भी धर्म की हानि और अधर्म की वृद्धि होती है, तब-तब ‘प्रभु धिर मनुज सरीरा हरहि कृपानिधि सज्जन पीरा’ यानी भगवान तब तब अवतार लेते हैं। बुराई चाहे जितनी भी बड़ी हो पर अच्छाई से छोटी ही होती है। उन्होंने कहा कि भगवान शिव विवाह के उपरान्त अपने परिवार के साथ कैलास में भगवद् भजन कर सुखमय जीवन व्यतीत कर रहे थे एक दिन माता पार्वती के मन शंका जागृत हुई तो शिव से निराकार परमात्मा साकार क्यों बना यह कारण पूछा तो शिव ने जय विजय की कथा सुनाकर कहा परमात्मा के सब है अत: सबके कल्याण हेतु परमात्मा का जन्म होता है। अत: गुरू की कृपा से परमात्मा भी पुत्र बन सकता है महाराज दशरथ की गुरू भक्ति पूज्यनीय है क्यों चौथेपन में भी सन्तान पाने की इच्छा गुरू से ही निवेदन की तथ गुरूदेव वशिष्ठ जी महाराज ने शिष्य पर कृपा की पुत्रकामेष्ठि यज्य कराया और राम जी सहित चार चार पुत्रों जन्म हुआ खूब धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान रामदासजी आचार्य (गोलू) ने पूजन-पाठ कर माहौल को भक्तिमय बनाया जबकि अमित त्रिपाठी (आर्गन), संतोष जी (तबला), दीपक जी (ढोलक) व पं.राकेश मिश्र ने भक्तिपूर्ण भजन-कीर्तन कर लोगों का दिल जीता। कार्यक्रम को सफल बनाने में डा. एलबी पाण्डेय, डा.टीएन पाण्डेय, शशिभूषण तिवारी समेत भारी संख्या में लोगों का सहयोग रहा। 7 जनवरी से आरंभ हुए श्रीराम कथा का आयोजन 15 जनवरी तक होगा। उस दिन भव्य भंडारे का भी आयोजन किया गया है।
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