ऋषिकेश (उत्तराखंड)। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी आज उत्तराखंड के ऋषिकेश पहुंचे। राहुल गांधी ने ऋिषिकेश में चुनावी रैली और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। राहुल गांधी ने पहली बार मंच से सार्वजनिक रुप से मंच पर लोगों के सामने फटा कुर्ता पहन कर आए। राहुल गांधी ने अपने कुर्ते की जेब में हाथ डालकर लोगों से कहा कि देखिये ये मेरा कुर्ता फटा है। राहुल गांधी ने नोटबंदी के मुद्दे पर PM मोदी को जमकर आड़े हाथों लिया। रैली को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा कि तिरंगे के लिए लाखों लोगों ने कुर्बानी दी। तिरंगे के लिए जवान गोली खाते हैं। इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि RSS ने 52 साल तक तिरंगा नहीं फहराया।
नागपुर में आरएसएस के दफ्तर पर तिरंगा नहीं था। राहुल ने कहा कि मैं 7-8 महीने से शोध कर रहा हूं। यहां तक की गूगल भी किया कि हमारी पार्टी क्या है, जिसे बीजेपी और आरएसएस खत्म करना चाहते हैं। हाथ का निशान हर धर्म में दिखाई देता है। कांग्रेस उपाध्यक्ष ने महिलाओं से कहा कि डरो मत। सेना, किसान और मजदूर से हम कहते हैं कि डरो मत, समस्या के आगे खड़े रहो। पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा कि जो मोदी सरकार हमारे देश के साथ कर रही है, क्या वो एक स्वस्थ लोकतंत्र की निशानी है? आरबीआई, जो देश की वित्तीय आत्मा है, उसे एक मिनट में खत्म कर दिया गया। वहीं खादी विवाद पर राहुल ने कहा कि मोदीजी खादी के प्रतिनिधि बन गए है। एक मंत्री कहते हैं कि मोदी गांधीजी से बड़े ब्रांड हैं। अब रामलीला में मोदी का मास्क पहनेंगे भगवान राम। अब हर जगह मोदी ही दिखेंगे।
इतना ही नहीं राहुल गांधी ने इसके बाद कहा कि खादी ग्राम उद्योग के कैलेंडर पर गांधीजी की जगह मोदीजी की तस्वीर लगाई गई। जिसने तिरंगे के लिए सीने पर तीन गोली खाई, उनकी तस्वीर हटा दी गई। चरखा गरीबों का खून-पसीना है। एक तरफ मोदीजी इसके साथ फोटो लेते हैं, दूसरी तरफ दिन में 50 उद्योगपतियों से घिरे रहते हैं। नरेंद्र मोदी गरीबों की बात करते हैं, पर गरीबों के बीच नहीं जाते। राहुल ने लोगों को अपना फटा हुआ कुर्ता दिखाया और कहा है कि देखिए मैं फटा कुर्ता भी पहनता हूं। ‘उत्तराखंड रहे खुशहाल, रावत पूरे पांच साल’ का स्लोगन भी जारी किया गया है। इस विधानसभा चुनाव में राहुल गांधी का यह दूसरी जनसभा रैली है। इसके साथ ही यहां सुरक्षा के भी पुख्ता इंतजाम भी किये जा रहे हैं।
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