नई दिल्ली/लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बड़ा परिवर्तन देखने को मिला है। सोमवार को चुनाव आयोग ने साइकल और समाजवादी पार्टी लेकर सस्पेंस पूरी तरह से खत्म कर दिया। चुनाव आयोग ने साइकल चुनाव चिह्न अखिलेश खेमे को सौंपा, साथ ही पार्टी भी। चुनाव आयोग का फैसला आते ही अखिलेश खेमे के 'चाणक्य' सांसद राम गोपाल यादव ने कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावना जता दी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यूपी में किसी भी वक्त समाजवादी पार्टी-कांग्रेस-आरएलडी के महागठबंधन की घोषणा हो सकती है। सोमवार को यूपी के राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदले। देर शाम चुनाव आयोग का फैसला आते ही कांग्रेस की तरफ से भी एक बयान आया। कांग्रेस ने कहा कि यूपी में अखिलेश गठबंधन में साथ आए तो चुनाव परिणाम ऐसे होंगे जैसे किसी ने नहीं देखे होंगे। हालांकि इसके साथ ही सूत्रों के हवाले से एक और खबर आ गई कि कांग्रेस गठबंधन के लिए 100 सीटों की मांग कर सकती है। कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी और अखिलेश यादव के बीच जल्द ही मुलाकात की संभावना भी जताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक महागठबंधन को अखिलेश यादव लीड करेंगे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजेश मिश्रा ने कहा कि गठबंधन होगा या नहीं इसका फैसला पार्टी आलाकमान करेगा। उन्होंने साथ में यह भी जोड़ा कि गठबंधन की स्थिति में यूपी में सरकार गठबंधन की ही बनेगी। उन्होंने ऐतिहासिक जीत हासिल होने की बात कही। उधर, यूपी में आधिकारिक रूप से पार्टी पर कब्जा जमा चुके अखिलेश यादव ने फैसले के तुरंत बाद मुलायम सिंह यादव से मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक अखिलेश ने मुलायम से अब अगली परीक्षाओं के लिए आशीर्वाद मांगा। चुनाव आयोग के फैसले के बाद गठबंधन की संभावनाओं को काफी बल मिल गया है। अखिलेश यादव और मुलायम के बीच भी तीन वजहों को लेकर मनमुटाव था। पहली वजह टिकट बंटवारे के अधिकार, दूसरी अमर सिंह को पार्टी से निकालने और तीसरी कांग्रेस के साथ गठबंधन करने की थी। चुनाव आयोग के फैसले के बाद पहली वजह खत्म हो चुकी है। अमर सिंह खुद लंदन जाने की बात कह चुके हैं, इसलिए महागठबंधन की राजनीतिक संभावना जताने में शायद ही किसी को हर्ज हो।
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