मुम्बई (संजय झा, विशेष संवाददाता)। अपनी रईसी और आलीशान जीवनशैली के लिए जाने जानेवाले, ‘किंग ऑफ गुड टाइम’ के नाम से मशहूर उद्योगपति विजय माल्या फिर सुर्खियों में हैं। उन पर देश के 17 बैंकों का करीब 7800 करोड़ रुपये का कर्ज है। कई बैंकों ने उन्हें डिफॉल्टर घोषित कर दिया है। उनके लोन रिकवरी की प्रक्रिया से बचने और देश छोड़ने की आशंका के मद्देनजर बैंकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर माल्या के देश से बाहर जाने पर रोक लगाने की गुहार लगायी, लेकिन कोर्ट में सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि माल्या तो बीती दो मार्च को ही विदेश जा चुके हैं। माल्या का जीवन और कारोबारी सफर इस बात का गवाह है कि कैसे कुछ रसूखवाले लोग देश की जनता के पैसे हड़प कर अरबपति बनते हैं और ऐश करते हैं। एक तरफ किंगफिशर एयरलाइंस दम तोड़ती रही, उसके कर्मचारी वेतन के लिए तरसते रहे, दूसरी तरफ माल्या किंगफिशर कैलेंडर के लिए अपनी आलीशान नौकाओं में खूबसूरत मॉडलों के साथ फोटो खिंचाते, मौजमस्ती करते नजर आते रहे। जो बैंक मामूली कर्ज के लिए भी गारंटर और रेहन रखने की मांग करते हैं, उन्होंने किंगफिशर को हजारों करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर करने से पहले कंपनी की माली हालत और मुनाफे की संभावनाओं की गहन पड़ताल की जरूरत नहीं समझी।हालांकि पिछले दिनों कर्ज वसूली न्यायाधिकरण ने जहां माल्या को बहुराष्ट्रीय शराब कंपनी डियाजियो से मिलनेवाली 515 करोड़ रुपये की रकम निकालने पर रोक लगा दी, वहीं प्रवर्तन निदेशालय ने उनके खिलाफ मनी लांड्रिंग अर्थात् काले धन को सफेद करने और अवैध लेन-देन का मामला दर्ज किया है। लेकिन, क्या भारत छोड़ चुके माल्या पर कानूनी शिकंजा कस पायेगा?
भारतीय स्टेट बैंक समेत देश के 13 प्रमुख बैंकों ने विजय माल्या को विदेश जाने से रोकने और उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगायी। माल्या और उनकी कंपनी से 7000 करोड़ रुपये से अिधक के लोन की रिकवरी के लिए बैंकों को देश की सबसे बड़ी अदालत की शरण लेनी पड़ी। बैंकों ने कोर्ट में बताया कि डियाजियो से डील करते समय माल्या ने लंदन में बसने की बात कही थी। इससे पहले आइडीबीआइ बैंक से लिए गये 900 करोड़ का कर्ज नहीं चुका पाने के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने माल्या के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला भी दर्ज किया है। इस मामले में इडी विदेशों में पैसे ट्रांसफर करने की जांच करेगा।
देश के कई बड़े और प्रमुख बैंक पहली बार किसी डिफॉल्टर के खिलाफ एकजुट होकर लड़ रहे हैं। विजय माल्या का रोजाना कोई न कोई मामला सामने आ रहा है। बैंगलोर ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल) ने 7 मार्च, 2016 को एसबीआइ और अन्य बैंकों को मामूली राहत देते हुए डियायिजो द्वारा माल्या को भुगतान की गयी रकम की निकासी पर रोक लगा दी थी। माल्या की किंगफिशर पर मूल रूप से 7000 करोड़ का कर्ज था, जो 2012 की शुरुआत में गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (नॉन-परफर्मिंग असेट) यानी एनपीए में बदल गया। इन बीते वर्षों में माल्या ने बड़ी चालाकी से लोन का भुगतान नहीं किया और मामले को टालते रहे आखिरकार मामला कोर्ट में पहुंच गया। किंगफिशर के बंद होने के बावजूद 1500 कर्मचारी पेरोल पर हैं। इन कर्मचारियों ने एक खुला पत्र लिखकर माल्या की नियति पर सवाल खड़ा किया।
माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस की बरबादी की कहानी 2012 में शुरू होती है। वेतन नहीं मिलने से नराज एयरलाइंस कर्मियों ने हड़ताल कर दी। आयकर विभाग ने खाते फ्रीज कर दिया और इसके बाद एयरलाइंस का संचालन बंद हो गया। इसी साल के अंत महीनों में भारत सरकार ने एयरलाइंस का लाइसेंस भी रद कर दिया। 2013 में ब्रिटिश एल्कोहॉलिक वेबरेज कंपनी डियाजियो ने 6500 करोड़ रुपये में यूएसएल की 27 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीद ली। 2014 में यूनाइटेड बैंक ने यूनाइटेड ब्रेवरीज को ‘इरादतन डिफॉल्टर’ घोषित कर दिया। 2015 में ब्रिटिश कंपनी डियोजियो ने माल्या को भारतीय फर्म के चेयरमैन पद से हटने को कहा, लेकिन माल्या ने इनकार कर दिया। 2016 में एसबीआइ सहित 13 बैंक डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल पहुंचे। ट्रिब्यूनल ने माल्या को 515 करोड़ रुपये की निकासी पर रोक लगा दी। यह रकम माल्या को एक समझौते के तहत डियोजियो से मिली थी। विजय माल्या के नेतृत्व में यूनाइटेड ब्रेवरीज ग्रुप वर्ष 2003 से प्रत्येक साल एक नया कैलेंडर जारी करता है। यह कैलेंडर देश-दुनिया में सर्वाधिक चर्चा में इसलिए रहता है, क्योंकि इसमें स्विमसूट समेत नये-नये अंदाजों में मॉडल्स की तसवीरें छपी होती हैं। इन कैलेंडरों की एक बड़ी खासियत यह भी है कि इनकी शूटिंग मॉरीशस, थाइलैंड, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, मालदीव, फिलिपींस तुर्की और सेशेल्स जैसे देशों में की गयी है।
पिछले 14 सालों में दो बार ही ऐसा हुआ है, जब इसकी शूटिंग भारत में की गयी है। इस फोटो शूटिंग के दौरान किंगफिशर कैलेंडर मॉडल हंट भी आयोजित किया जाता है। अब तक इसमें शिवानी कपूर, याना गुप्ता, कैटरीना कैफ, दीपिका पादुकोण, नरगिस फाखरी, पूनम पांडेय और लिजा हेडेन जैसी 70 से ज्यादा मॉडल्स और एक्ट्रेस शामिल हो चुकी हैं। माल्या को कार, घोड़े और रंगीन जगहों पर विला पसंद हैं। उनके पास अपना एक निजी विमान भी है, जिससे वे दुनियाभर की सैर करते हैं। दक्षिण अफ्रीका में एक बार क्रिकेट प्रतियोगिता के दौरान उन्होंने अनेक नेताओं व रसूखवालों को वहां की सैर करायी थी। पानी में उनकी सवारी है 450 करोड़ रुपये की लक्जरी यॉट, जिस पर एकसाथ करीब 500 लोग सैर कर सकते हैं। उनके खेल प्रेम को आइपीएल टीम रॉयल चैलेंजर बेंगलुरु से भी आंका जा सकता है। पावर पसंद माल्या अपनी कारोबारी ताकत के बूते राजनीति में आये और राज्यसभा तक पहुंचने में कामयाब रहे। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआइ शराब कारोबारी माल्या की कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस की जांच में जैसे-जैसे शिकंजा कसेगी, माल्या की मुश्किल बढ़ती ही जायेंगी। सीबीआइ 10 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से लिए 3100 करोड़ रुपये के अतिरिक्त लोन की भी जांच कर रही है। हाल में आयी रिपोर्टों के अनुसार सीबीआइ इस मामले में एक अलग केस दर्ज कर सकती है।
देश के अग्रणी बैंक भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया द्वारा केएफए को ‘इरादतन डिफॉल्टर’ घोषित किये जाने के बाद इससे जुड़े मामलों की सीबीआइ पड़ताल करेगी। संभव है कि सीबीआइ कुछ विदेशी एजेंसियों से भी संपर्क करे। पिछले वर्ष अक्तूबर में सीबीआइ ने माल्या और केएफए के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर के खिलाफ आइडीबीआइ के 900 करोड़ के लोन भुगतान नहीं कर पाने पर एफआइआर दर्ज की थी। इसी हफ्ते प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की मुंबई शाखा ने सीबीआइ केस के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत माल्या पर मामला दर्ज किया है। इडी बैंक से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर एयरलाइंस के लिए अधिकारियों से पूछताछ कर सकती है। बिजनेस टाइकून समझे जानेवाले माल्या् ने अमेरिका के साउथ कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में पीएचडी की डिग्री हासिल की है। उद्योगपति पिता विट्ठल माल्या की मृत्युे के बाद वे यूनाइटेड ब्रेवरीज कंपनी के मालिक बन गये। ढाका में जन्मे विट्ठल माल्या यूनाइटेड ब्रेवरीज ग्रुप के चेयरमैन थे और कोलकाता से शुरुआत करने के बाद वे बेंगलुरु में बस चुके थे। विजय माल्या ने कारोबार का विस्तार करते हुए देश-विदेश में कई कंपनियां स्था पित कीं। जानकारों का कहना है कि माल्या भारत में शराब कारोबार से जुड़े नजरिये को बदलना चाहते थे। इसलिए उन्होंने इसे कॉरपोरेट टच देना शुरू किया और इसके लिए अच्छे मैनेजमेंट संस्थानों से पढ़े-लिखे लोगों को रखा। धीरे-धीरे शायद उन्हें यह महसूस हुआ कि बतौर शराब कारोबारी छवि से बेहतर है उद्योगपति के रूप में ख्याति अर्जित करना। लिहाजा उन्होंने अन्य क्षेत्रों में अपने कारोबार को फैलाना शुरू किया। विजय माल्या एक समय दुनिया की सबसे बड़ी शराब बनानेवाली कंपनी यूनाइटेड स्प्रिट्स लिमिटेड के चेयरमैन थे. अमेरिका की बड़ी शराब कंपनी डियाजियो के साथ मिल कर यूनाइटेड स्प्रिट्स लिमिटेड अंतरराष्ट्री य बियर बाजार में भारत का नेतृत्वे करती थी। वर्ष 1826 में स्थापित यूनाइटेड स्प्रिट्स लिमिटेड भारत में उत्पादन और वितरण का काम करती है। एक समय इस कंपनी ने शराब की बिक्री का रिकॉर्ड कायम किया था। लेकिन, किंगफिशर एयरलाइंस में हुए घाटे को चुकाने के लिए उन्हें अपनी यह कंपनी गंवानी पड़ी।
विजय माल्या की छवि ग्लैमर पसंद और हसीनाओं से घिरे रहनेवाले रईस के रूप में रही है। महंगी घड़ियों और कारों के शौकीन माल्या उद्योग से इतर अपनी रंगीन मिजाज जीवनशैली के लिए हमेशा चर्चा में रहते हैं। अपने दम पर कई बार उन्होंने देशवासियों को गौरव का एहसास भी कराया है। 2004 में माल्या ने लंदन में हुई नीलामी के दौरान टीपू सुल्तान की तलवार एक लाख 75 हजार पाउंड में खरीदी थी। 2007 में उन्होंने फार्मूला वन स्पाइकर टीम में खरीदी और बाद में इसका नाम बदल कर फोर्स इंडिया फार्मूला वन रखा गया था। वर्ष 2009 में उन्होंने न्यूयार्क में हुई एक नीलामी में महात्मा गांधी के कुछ सामानों के लिए तीन बिलियन डॉलर की बोली लगा दी थी।
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