लखनऊ । उत्तर प्रदेश विधान परिषद स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र की 28 सीटों के लिए हुए चुनाव के रविवार को आए नतीजो में सत्तारुढ समाजवादी पार्टी (सपा) ने 23 सीटों पर जोरदार जीत हासिल कर ली है। सपा ये जीत हासिल कर उच्च सदन में सबसे बडी पार्टी बन गई। 100 सीटों वाले राज्य विधान परिषद में स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र की 36 सीटें हैं। आठ पर सपा उम्मीदवार पहले ही निर्विरोध चुन लिए गए हैं।
जिन सीटों पर सपा उम्मीदवारों का निर्विरोध निर्वाचन हुआ है उनमें सीतापुर, लखनऊ-उन्नाव, प्रतापगढ, बांदा-हमीरपुर, आगरा-फिरोजाबाद, मथुरा-एटा-मैनपुरी और मेरठ-गाजियाबाद निर्वाचन क्षेत्र शामिल हैं। इस चुनाव में दिलचस्प पहलू यह है कि गोरखपुर-महराजगंज से विजयी घोषित किए गए सीपी चन्द को निर्वाचन आयोग सपा उम्मीरवार बता रहा है जबकि सपा ने बयान जारी कर कहा है कि उसके 30 ही उम्मीदवार विजयी रहे हैं। सपा ने पहले सीपी चन्द को चुनाव लड़ाने की घोषणा की थी। बाद में सीपी चन्द के स्थान पर जयप्रकाश यादव को उम्मीदवार घोषित कर दिया गया। मतदान के दो दिन पहले सीपी चन्द को पार्टी से निष्कासित भी कर दिया गया था।
28 सीटों के लिए गत तीन मार्च को मतदान कराया गया था। रविवार को आये नतीजों में 23 पर सपा, दो पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा), दो निर्दलीय और एक सीट पर कांग्रेस जीतने में सफल हुई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का खाता भी नहीं खुल सका। 28 सीटों में से 23 पर जीत हासिल करने के साथ ही विधान परिषद में अब सपा की सीटें बढ़कर 58 हो गई।
स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्रों की 36 सीटों में से 34 बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के पास थी। एक-एक सीट कांग्रेस और सपा के पास थी। गत 15 जनवरी को इनका कार्यकाल पूरा हो जाने के बाद सदन में बसपा सदस्यों की संख्या घटकर 14 हो गयी थी। इन सदस्यों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद ही सपा 27 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बन गयी थी, लेकिन नये नतीजों से उच्च सदन में उसके सदस्यों की संख्या एकदम से बढ़कर 58 हो गयी।
लखनऊ विधानसभा में सपा का बहुमत है ही अब परिषद में भी सदस्य संख्या काफी हो गयी। विधेयकों को उच्च सदन में पारित कराने में अब उसे कोई दिक्कत नहीं आयेगी। शाहजहांपुर जेल में बंद माफिया डॉन बृजेश सिंह को विधान परिषद (एमएलसी) चुनाव में वाराणसी से जीत मिली है। निर्दलीय चुनाव लड़े बृजेश सिंह ने समाजवादी पार्टी की मीना सिंह को 2 हजार वोटों से हरा दिया।
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