पूणे। भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के अध्यक्ष अभिनेता गजेंद्र चौहान के संस्थान पहुंचने से पहले और उनके पहुंचने के बाद छात्रों ने ज़बरदस्त विरोध किया। प्रदर्शनकारी छात्रों ने संस्थान के मुख्य गेट पर ' चौहान गो बैक' और ' तानाशाही नहीं चलेगी' के नारे लगाए। छात्र अपने हाथों में नारे लिखीं तख्तियां लिए हुए थे। पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे 40 छात्रों को हिरासत में ले लिया है। छात्रों का कहना है कि पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज भी किया. पुलिस ने गुरुवार सुबह से ही संस्थान में डेरा डाल दिया था। एफ़टीआईआई का अध्यक्ष बनने के बाद गजेंद्र चौहान पहली बार संस्थान पहुंचे थे। एफ़टीआईआई स्टाफ़ ने परंपरागत तरीके से उनका स्वागत किया। विरोध-प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए डेक्कन थाना पुलिस ने बुधवार को ही 17 छात्रों को नोटिस थमा दिया था। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक प्रवीण चौगुले की ओर से जारी नोटिस में कहा गया था कि चौहान की उपस्थिति में कोई हंगामा नहीं होना चाहिए।
जिन छात्रों को पुलिस ने नोटिस जारी किया, उन पर तीन महीने पहले पुलिस ने आपराधिक मामला दर्ज किया था। एफ़टीआईआई के एक छात्र राहत जैन ने बताया कि चौहान के आने से ठीक पहले पुलिस ने क़रीब 40 छात्रों को हटा दिया था और उनसे मारपीट की। छात्र नेता यशस्वी मिश्र ने कहा, " हम लोग शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे. और हमने वाहनों को अंदर जाने दिया. लेकिन बिना वजह पुलिस हम पर टूट पड़ी।" इस बीच एफ़टीआईआई के नियामक मंडल की बैठक हो रही है. इसमें गजेंद्र चौहान मौज़ूद हैं। संस्थान के छात्र चौहान के साथ-साथ संचालक मंडल में अनघा घैसास, राहुल सोलापूरकर, नरेंद्र पाठक और शैलेश गुप्त की नियुक्ती का भी विरोध कर रहे हैं। छात्रों ने गजेंद्र चौहान की नियुक्ति के विरोध में पिछले साल जून में हड़ताल शुरू की थी, जो 139 दिन तक चली। छात्रों का आरोप है कि चौहान और अन्य नियुक्त किए गए लोग सक्षम नहीं हैं। उनका कहना है कि ये नियुक्तियां राजनीतिक उद्देश्यों से की गई हैं।
- Blogger Comments
- Facebook Comments
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
0 comments:
Post a Comment
आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।