नई दिल्लीा। राज्यसभा में शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री वीके सिंह की दलितों के खिलाफ टिप्पणी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत की राम मंदिर के निर्माण पर टिप्पणी को लेकर खूब हंगामा हुआ। इस कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई। राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) नेता मायावती ने सिंह की दलितों के खिलाफ टिप्पणी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा, 'केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार के सत्ता में आने के बाद देश में सामाजिक एवं सांप्रदायिक माहौल खराब हुआ है।' मायावती ने कहा, 'यह दुखद है कि ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की बजाय सरकार उन्हें संरक्षण दे रही है। वीके सिंह पर सरकार का रवैया बेहद दुखद है।' इस पर उपसभापति पीजे कुरियन ने कहा कि उनके पास इस मुद्दे पर कोई नोटिस नहीं आया है। उन्होंने मायावती से इस मुद्दे पर नोटिस देने के लिए कहा।
इसके बाद बसपा के सदस्य सभापति की आसंदी के समक्ष पहुंच गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामे को देखते हुए उपसभापति कुरियन ने सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी। बाद में कार्यवाही शुरू होने पर भी यह मुद्दा उठा। वहीं, समाजवादी पार्टी (एसपी) के नेता रामगोपाल यादव ने राम मंदिर के निर्माण को लेकर आरएसएस प्रमुख भागवत की टिप्पणी का जिक्र किया। उन्होंने भागवत के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि उनकी टिप्पणी से सांप्रदायिक तनाव पैदा हो रहा है। बसपा और सपा के सदस्य सिंह और भागवत के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सभापति की आसंदी के करीब पहुंच गए। सभापति हामिद अंसारी ने सदस्यों से शांत रहने की अपील की, लेकिन सांसदों ने उनकी बात अनसुनी कर दी, जिसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
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