नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड मुद्दे के मद्देनजर कांग्रेस के विरोध का समर्थन करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राजनीति में बदले की भावना नहीं होनी चाहिए और विपक्ष को परेशान नहीं किया जाना चाहिए। नीतीश कुमार ने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा, राजनीति में बदले की भावना नहीं होनी चाहिए। लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनता के लिए काम करने का जनादेश मिलता है। जनादेश विपक्ष को परेशान करने के लिए नहीं है। उनसे पूछा गया था कि कांग्रेस के उस आरोप के बारे में उनके क्या विचार हैं कि सरकार राजनीतिक प्रतिशोध के लिए प्रवर्तन निदेशालय का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा, जब कांग्रेस कोई बात कह रही है तो उसका कुछ मायने होगा, अन्यथा पार्टी ऐसा क्यों कहती। वैसे मेरे पास ब्योरा नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थिति में कांग्रेस के मन में जो संशय है, उसे सरकार को दूर करना चाहिए।
संसद में चल रहे गतिरोध के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा, संसद को चलाने की प्राथमिक जिम्मेदारी सरकार की है। नीतीश कुमार यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ हुई मुलाकात के बारे में कहा, यह एक शिष्टाचार भेंट थी। इस बैठक में कोई खास मुद्दा शामिल नहीं था। बिहार पैकेज के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा, उम्मीद है कि सरकार प्रधानमंत्री द्वारा की गई घोषणा का सम्मान करेगी। मुझे आशा है इसे लागू किया जाएगा। बिहार चुनाव की सफलता के बाद क्या वह दूसरे राज्यों में भी अपनी भूमिका निभाएंगे, जेडीयू नेता ने कहा, चुनाव के बाद बिहार में मैं अपना काम कर रहा हूं। अन्य राज्यों में दूसरे राजनीतिक दल हैं, वे चर्चा करेंगे और अपना तय करेंगे। जीएसटी के मुद्दे पर उन्होंने कहा, हम जीएसटी का समर्थन करते हैं, क्योंकि इससे राज्यों को फायदा होगा।
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