गुवाहाटी। असम के राज्यपाल पीबी आचार्य के एक कथित बयान और उस पर आई सफाई को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। खबरों के अनुसार, आचार्य ने कथित रूप से कहा कि 'हिंदुस्तान हिंदुओं के लिए है।' हालांकि इस पर विवाद होता देख उन्होंने सफाई भी दी, लेकिन उसने विवाद शांत करने की बजाय उसे और भड़का दिया। दरअसल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्यपाल आचार्य ने कहा, 'हिंदुस्तान हिंदुओं के लिए है। इसमें कुछ गलत नहीं है। विभिन्न देशों के हिंदू यहां रह सकते हैं। वे बाहरी नहीं हो सकते।' शनिवार को एक पुस्तक विमोचन समारोह में दिए गए कथित बयान पर विवाद बढ़ता देख आचार्य की ओर से सफाई भी आई, लेकिन इसने विवाद को और बढ़ा गया।
अपने बयान पर सफाई देते हुए असम के राज्यपाल ने कहा कि 'भारत में मुस्लिम कहीं भी जाने को स्वतंत्र हैं।' उन्होंने कहा कि उनका मतलब था कि विदेशों में मुसलमानों समेत भारतीय मूल के सभी लोगों का इस देश में स्वागत है। उन्होंने कहा, 'हमें अपने दिमाग में यह बात रखनी चाहिए कि केवल धर्म की वजह से किसी व्यक्ति को दूसरे देश में सताया जाता है। अगर भारतीय ईसाई को पाकिस्तान में सताया जाएगा तो उसे भारत आना पड़ेगा। वह कहां जाएगा?' आचार्य ने कहा, 'अगर एक यूरोपीय ईसाई को सताया जाता है या यूरोपीय हिंदू को सताया जाता है... अगर उसे बेल्जियम में सताया जाता है तो वह भारत नहीं आ सकता।' असम के राज्यपाल ने कहा, 'भारतीय मुस्लिम कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र हैं। अगर वे यहां रहना चाहते हैं तो यहां रह सकते हैं। कई पाकिस्तान चले गए। अगर वे पाकिस्तान, बांग्लादेश जाना चाहते हैं तो वे वहां जाने के लिए स्वतंत्र हैं। तसलीमा नसरीन को बांग्लादेश में सताया गया तो वह यहां आईं। अगर वे आते हैं तो हम उन्हें शरण देंगे। भारत बड़े दिलवाला है।' कांग्रेस ने आज आचार्य के बयानों को दुर्भाग्यपूर्ण और हैरान करने वाला बताया और आरोप लगाया कि यह संघ और बीजेपी की बांटने की विचारधारा है, जिसकी वजह से दादरी जैसी घटना घटी।
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