नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए उन पर तानाशाह होने तथा सांप्रदायिक एजेंडा को ढंकने के लिए विकास के पर्दे का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। देश में असहिष्णुता पर बहस के बीच दादरी की घटना और हरियाणा में दलित बच्चों को जलाने की घटनाओं को लेकर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए सोनिया, राहुल तथा अन्य शीर्ष नेताओं ने उसकी आलोचना की।
देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में सालभर चले समारोहों के समापन के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में कांग्रेस नेताओं ने ये विचार व्यक्त किए। कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘किसी की अलग राय है या वह असहमत है, इससे उसे विश्वासघाती नहीं कहा जा सकता। न तो यह हमारे लोकतंत्र का तरीका है और न ही देशभक्ति का स्वरूप है। यह तानाशाही का स्वरूप है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आज, हम कुछ ऐसे व्यक्तियों और तत्वों के प्रयासों के गवाह बन रहे हैं जो विकास के मुखौटे के पीछे अपने सांप्रदायिक एजेंडा को दुनिया के सामने छिपाकर रखते हैं। विकास का इस्तेमाल बार बार मूलमंत्र के तौर पर किया जाता है।’’
सोनिया के मुताबिक, ‘‘विडंबना है कि वे विकास की बात करते हैं लेकिन भारत के विकास की आधारशिला रखने वाले नेहरूजी की विरासत और पाठों से सबक नहीं लेते।’’ मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री जब विदेश में होते हैं तो कहते हैं कि भारत सहिष्णु है और सरकार सभी वर्गों को साथ लेकर चलना चाहती है, लेकिन जब वह भारत में होते हैं तो इसको लेकर कुछ नहीं कहते। उन्होंने कहा, ‘‘हरियाणा में दलित बच्चों की हत्या होती है या दादरी में जब धर्म के नाम पर हत्या होती है तो प्रधानमंत्री खामोश रहते हैं।’’
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