नई दिल्ली। चमचों से कचरा फिकवाना बंद करो, 56 ईंच की छाती निकालो, जांच करो, मैं डरने वाला नहीं हूं, आरएसएस एक बात सुन लो। राहुल गांधी ललकार मोड में हैं। वे साइलेंट मोड या अनमने मोड से निकल आए हैं। आरोप तो बहुत लगे मगर राहुल गांधी ने इस तरह से सीधे सीधे कभी नहीं ललकारा लेकिन इस बार ऐसा क्या हुआ है जिससे वे फ्रंट फुट से खेल रहे हैं। क्या बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कोई कमज़ोर गेंद डाल दी है। 16 नवंबर को स्वामी ने आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने ब्रिटेन में एक कंपनी बैकऑप्स लिमिटेड शुरू करने के लिए जो दस्तावेज़ जमा किये उसमें खुद को ब्रिटिश नागरिक दिखाया है। स्वामी ने कहा कि उन्होंने 12 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर मांग की है कि राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता रद्द की जाए। स्वामी ने कहा कि वे लोकसभा स्पीकर से मांग करेंगे कि इसकी जांच कराने के लिए कमेटी बनाएं और सही पाये जाने पर उनकी सदस्यता रद्द करें। राहुल के इस कंपनी में 65 प्रतिशत शेयर हैं। स्वामी ने कहा कि राहुल ने ब्रिटेन का पता दिया है। 2003 और 2006 के रिटर्न में भी ब्रिटिश नागरिक लिखा हुआ है। इसलिए दो बार गलती नहीं हो सकती। कांग्रेस का जवाब था कि डॉक्यूमेंट अपलोड करते समय गलती से ब्रिटिश नागरिकता टाइप हो गया है जिसे ठीक किया जा सकता है। राहुल गांधी की नागरिकता भारतीय ही है।
इंडियन एक्सप्रेस अखबार की रिपोर्ट के अनुसार कुछ रिकॉर्ड में ब्रिटिश नागरिक लिखा है। उसी कंपनी के कुछ रिकॉर्ड में भारतीय नागरिक लिखा गया है। एक और रिकॉर्ड मिलता है जिसमें हाथ से ब्रिटिश को काट कर भारतीय नागरिक लिखा गया है। 2004 में जब राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव लड़ा था तब अपने हलफनामे में इस कंपनी का ज़िक्र किया है। एक्सप्रेस लिखता है कि कंपनी के मूल दस्तावेज में भारतीय नागरिक ही लिखा है। इस दस्तावेज़ को राहुल गांधी के एजेंट डेमियन वार्डिंगले ने फाइल किया है। इस बात को लेकर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री को चुनौती दी है कि जांच एजेंसी आपकी है। आप कीजिये। बीजेपी के नेता शाहनवाज़ हुसैन ने कहा है कि 2जी से लेकर हर मामले की जांच हो रही है। लेकिन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने गुरुवार को ही कहा है कि विदेश मंत्रालय के पास जांच से संबंधित कोई निर्देश नहीं आया है। सुब्रह्मण्यम स्वामी ने अहमदाबाद में यहां तक कह दिया कि हो सकता है कि राहुल के पास तुर्की की नागरिकता भी हो, मैं उनकी तुर्की और दूसरे देशों की नागरिकता के बारे में जांच करूंगा। स्वामी ने यह भी कहा कि मां बेटे के पास ढाई लाख करोड़ की संपत्ति है। जो भारत को आयकर से मिलने वाले राजस्व से भी ज्यादा है।
विदेशों में जमा पंद्रह लाख करोड़ का पता नहीं लेकिन अगर सोनिया राहुल के पास ढाई लाख करोड़ हैं तो इसे तुरंत लाकर सबसे पहले स्वामी को देना चाहिए और उसके बाद जनधन खाता धारकों को देना शुरू करना चाहिए। तुर्की की नागरिकता से लेकर ढाई लाख करोड़ तक के आरोप। पर उन्हीं के एक आरोप पर नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी ने प्राथमिकी दर्ज की है। क्या बीजेपी राहुल गांधी की चुनौती स्वीकार करेगी या फिर संसद का सत्र इस मुद्दे की भेंट चढ़ जाएगा। अहमदाबाद में स्वामी ने वित्त मंत्री अरुण जेटली पर भी आरोप लगाए। कहा कि मैंने केंद्र सरकार को बाहर से काला धन लाने के छह कदम बताये थे लेकिन जिस तरह का रास्ता वित्त मंत्री अपना रहे हैं उससे काला धन कभी वापस नहीं आने वाला। स्वामी राहुल पर ही नहीं जेटली पर भी आरोप लगा रहे हैं। क्या स्वामी को पता नहीं कि काला धन का पता लगाने के लिए एसआईटी बनी है जो सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में काम कर रही है। 15 अगस्त को प्रधानमंत्री ने कहा था कि अघोषित काला धन की राशि 6500 करोड़ ही बताई थी। बिहार चुनावों में नीतीश कुमार ने काला धन को लेकर प्रधानमंत्री पर इतना निशाना साधा लेकिन तब भी प्रधानमंत्री ने ढाई लाख करोड़ वाली बात नहीं की। क्या स्वामी के पास अपनी कोई जांच एजेंसी है जो सुप्रीम कोर्ट की एसआईटी और सरकार के वित्त मंत्री से ज्यादा जानकारी रखती है। उनके इन आरोपों को बचाव करते हुए बीजेपी क्या यह देख पा रही है कि स्वामी की तलवार की एक धार उन्हें भी काट रही है। राहुल गांधी ने आरएसएस को भी निशाना बनाया। वे लगातार आरएसएस पर निशाना बना रहे हैं। कहा कि एक तरफ आरएसएस के लोग। दूसरी तरफ सीमी के लोग। लड़ाई करवाते हैं, हिंदुस्तानियों को डराते हैं। और बीच में कांग्रेस पार्टी जोड़ने का काम करती है। क्या राहुल आरएसएस से वैचारिक और संगठन के स्तर पर लड़ने की तैयारी में हैं या सिर्फ बयान है।
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