अमृतसर। स्वर्ण मंदिर परिसर में तनाव पसरा रहा। सिखों के एक गुट ने तलवारें लहराईं और जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह समेत एसजीपीसी प्रमुख अवतार सिंह मक्कड़ के खिलाफ नारेबाजी की और काले झंडे दिखाए। ये लोग दिवाली के मौके पर गुरबचन सिंह के संदेश देने का विरोध कर रहे थे। सादे कपड़े में बड़ी संख्या में पुलिस वालों की मौजूदगी में चरमपंथी गुट के ध्यान सिंह मांड अकाल तख्त के करीब पहुंच गए और सिखों को संबोधित किया। मांड ने अकाली सरकार के मुखिया प्रकाश सिंह बादल के सामाजिक बहिष्कार का ऐलान किया। अच्छी बात यह रही कि नरमपंथियों और चरमपंथियों के बीच किसी तरह का सीधा टकराव नहीं हुआ। चरमपंथी गुट ने ज्ञानी ध्यान सिंह मांड को अकाल तख्त का जत्थेदार घोषित किया है। इससे पहले पुलिस ने ऐहतियात के तौर पर हार्ड लाइनर माने जाने वाले सिमरनजीत सिंह मान और मोहकाम सिंह को गिरफ्तार कर लिया था। गौरतलब है कि डेरा सच्चा सौदा के राम रहीम को अकाल तख्त की तौहीनी के मामले में एसजीपीसी ने माफी दे दी थी, जिसका सिखों के कई संगठनों ने विरोध किया था। हालांकि काफी दबाव के बाद एसजीपीसी ने अपने फैसले को पलट दिया था।
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