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बड़े मकसद के लिए नीतीश ने ‘वफादारों’ की कुर्बानी दी

पटना (मनोज कुमार)। लालू का पार्टी आरजेडी और नीतीश की पार्टी जेडीयू 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. कांग्रेस को 41 सीटें दी गई हैं. खास बात ये है कि जेडीयू ने 2010 के चुनाव में जीती हुई अपनी 38 सीटें सहयोगियों को दे दी हैं. इनमें से कांग्रेस के खाते में 12 और आरजेडी के खाते में 26 सीटें गई हैं. जिन समुदाय विशेष की सीट नीतीश ने सहयोगियों को दी है उनमें दलित-महादलित के लिए सुरक्षित 10 सीटें शामिल हैं. यादव विधायकों वाली 7 और सवर्ण विधायकों की 14 सीटें भी नीतीश ने लालू-कांग्रेस के खाते में दे दी हैं. इन 38 सीटों में से 12 उन बागी विधायकों की सीट भी शामिल है, जो पहले ही पार्टी छोड़ चुके हैं. कांग्रेस के खाते में जो सीटें गई हैं उनमें वाल्मिकीनगर, रामनगर, नरकटियागंज, बेतिया, गोविंदगंज, रीगा, बथनाहा, हरलाखी, बेनीपट्टी, अररिया, बहादुरगंज, किशनगंज, अमौर, कसबा, पूर्णिया, कदवा, प्राणपुर, मनिहारी, कोढ़ा, भोरे, मांझी, हाजीपुर, रोसड़ा, बछवाड़ा, बेगूसराय, कहलगांव, भागलपुर, बरबीघा, बांकीपुर, कुम्हरार, बिक्रम, तरारी, बक्सर, मोहनियां, चेनारी, कुटुम्बा, औरंगाबाद, गया, वजीरगंज, गोविंदपुर, सिकंदरा शामिल हैं. मंडल के हिसाब से बंटवारा करें तो तिरहुत की 49 सीटों में से आरजेडी को 25, जेडीयू को 16 और कांग्रेस को 8 सीटें मिली हैं. दरभंगा मंडल की 37 सीटों में से आरजेडी को 16, जेडीयू को 16 और कांग्रेस को 5 सीटें. कोसी मंडल की 13 में से 8 सीटें जेडीयू और 5 सीटें आरजेडी के पास है. पूर्णिया मंडल की 24 सीटों में से जेडीयू 9, आरजेडी 5 और कांग्रेस को 10 सीटें मिली हैं. सारण की 24 सीटों में से जेडीयू को 10, आरजेडी को 12 और कांग्रेस को 2 सीटें मिली हैं. पटना प्रमंडल की 17 सीटें जेडीयू को, 19 सीटें आरजेडी को और कांग्रेस को 7 सीटें मिली हैं. मगध मंडल की 26 सीटों में से आरजेडी को 10, जेडीयू को 11 और कांग्रेस को 5 सीटें मिली हैं. भागलपुर मंडल की 12 सीटों में से 6 जेडीयू, 4 आरजेडी, 2 कांग्रेस के खाते में गई हैं. मुंगेर मंडल की 15 सीटों में ,से जेडीयू को 8, आरजेडी को 5 और कांग्रेस के खाते में 2 सीटें गई हैं. पहले दौर में 12 अक्टूबर को जिन 49 सीटों पर वोटिंग होनी है उनमें से जेडीयू के खाते में 24, आरजेडी 17, कांग्रेस को 8 सीटें मिली हैं. दूसरे दौर की जिन 32 सीटों पर 16 अक्टूबर को वोटिंग होगी उनमें से आरजेडी को 13, जेडीयू को 13, कांग्रेस को 6 सीटें मिली हैं. 28 अक्टूबर को तीसरे दौर की जिन 50 सीटों पर वोटिंग होनी है उनमें से आरजेडी को 25, जेडीयू को 18 और कांग्रेस को 7 सीटें मिली हैं. चौथे दौर में 1 नवंबर को 55 सीटों पर वोट डाले जाने हैं. इनमें से 26 आरजेडी. 21 जेडीयू और कांग्रेस को 8 सीटें मिली हैं. 5 नवंबर को आखिरी दौर की 57 सीटों में से आरजेडी 20, जेडीयू 25 और कांग्रेस को 12 सीटें मिली हैं. वाल्मिकीनगर सीट से राजेश सिंह विधायक हैं ये सीट कांग्रेस को मिली है. गोविंदगंज से मीना दुबे विधायक हैं ये सीट भी कांग्रेस को मिली हैं. हरलाखी से शालीग्राम यादव, मनिहारी ने मनोहर प्रसाद, बरबीघा से मुन्ना शाही, तरारी से सुनील पांडे. चेनारी से श्याम बिहारी राम, कुटुम्बा से ललन राम, गोविंदपुर से कौशल यादव, सिकंदरा से रामेश्वर पासवान जेडीयू विधायक हैं. ये सभी सीटें कांग्रेस को मिली हैं. इसके अलावा नरकटिया से श्याम बिहारी, रुन्नी सैदपुर से गुड्डी देवी, पिपरा से सुजाता देवी, बहादुरपुर से मदन सहनी. परसा से छोटेलाल राय, राजा पाकड़ से संजय कुमार, राघोपुर से सतीश कुमार, अलौली से रामचंद्र सदा, हिलसा से उषा सिन्हा, मसौढ़ी से अरुण मांझी. जहानाबाद से अभिराम शर्मा. बाराचट्टी से ज्योति देवी, अतरी से कृष्ण नंदन यादव जेडीयू विधायक हैं. और इनकी सीटें नीतीश ने लालू की पार्टी को दे दी है. अब ये लोग ही महागठबंधन से उम्मीदवार बनेंगे, कह पाना मुश्किल है. (साभार)
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