काठमांडू। नेपाल में शनिवार को आए भूकंप से मरने वालों की संख्या 2500 पार हो गई है। हालांकि नेपाल के गृह मंत्रालय की ओर से 1850 लोगों के मरने की पुष्टि की गई लेकिन संख्या बढ़ने का अनुमान लगाया गया है। नेपाल की लोकल मीडिया के मुताबिक ग्रामीण इलाकों के मलबे में फंसे लोगों का निकालने का काम अब भी जारी है। रविवार सुबह पौने पांच बजे से अबतक 6 बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके हैं। सबसे बड़ा भूकंप नेपाल के लिमजुंग में सुबह रिक्टर पैमाने पर 5.6 तीव्रता वाला था। सरकार की ओर से अगले 72 घंटे भूकंप की चेतावनी दी गई है। इस बीच, मौसम खराब हो जाने के कारण बचाव व राहत कार्य भी प्रभावित हो रहा है। नेपाल के विश्व प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर को भी भूंकप के कारण आंशिक नुकसान हुआ है। मंदिर के बगल में एक इमारत ढह गई, जिसके कारण मंदिर के बगल में मलबा जमा हो गया है। मंदिर के एक पुजारी ने बताया, '' यहां त्रासदी पूर्ण स्थित है, फिर से सबकुछ ठीक होगा या नहीं कोई नहीं जानता। भगवान का नाम लेने के अलावा हमारे पास कोई विकल्प ही नहीं। सरकार ने मंदिर परिसर से दूर रहोने को कहा है। लोग कह रहे हैं कि 72 घंटे में कभी भी भूकंप आ सकता है।''
नेपाल में आए भूंकप में फंसे भारतीयों को भारत लाने का काम जारी है। अब तक चार जत्थे में 500 से अधिक लोग दिल्ली लाए जा चुके हैं। सबसे पहले एयरफोर्स के C-130J एयरक्राफ्ट से भारतीय यात्रियों का जत्था दिल्ली पहुंचा। इसमें चार नवजात बच्चों समेत 55 लोग थे। इसके थोड़ी देर बाद एयरफोर्स के दूसरे विमान C-17 ग्लोबमास्टर से 102 यात्रियों को काठमांडू से पालम एयरबेस लाया गया। रविवार की अल सुबह एक और जत्था पालम पहुंचा। इसमें 152 भारतीयों को काठमांडू से सुरक्षित देश लाया गया। सुबह करीब साढ़े चार बजे C-17 ग्लोबमास्टर से 237 और भारतीयों को वापस देश लाया गया। नेपाल में नौ मंजिला धारहारा टावर, दरबार स्क्वेयर तबाह हो चुके हैं। जानकी मंदिर को भी नुकसान पहुंचा है। भूकंप के दौरान नेपाल में फंसे 55 भारतीयों को लेकर एक विमान देर रात भारत पहुंचा। करीब 3 लाख विदेशी सैलानियों के अब भी वहां फंसे होने की संभावना है। इनमें कई भारतीय भी हैं। बताया जा रहा है कि दोस्त की शादी में शामिल होने के लिए काठमांडू गए फिल्म निर्देशक कुनाल देशमुख भी भूकंप आने के बाद से लापता हैं। भूकंप की तबाही के जूझ रहे नेपाल की मदद के लिए अमेरिका भी आगे आया है। अमेरिका ने आपदा और राहत के लिए (यूएस फॉरेन डिजास्टर असिस्टेंस) टीम को नेपाल रवाना किया है। अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने कहा कि संकट की इस घड़ी में हम नेपाल सरकार का पूरा सहयोग कर रहे हैं। अमेरिका ने एक मिलियन डॉलर की आर्थिक मदद की घोषणा की है।
बिहार में 56 की मौत, लोगों ने खुले में बितायी रात
भूकंप से बिहार राज्य भर में कम-से-कम 56 लोगों की मौत हुई है। हालांकि, आपदा प्रबंधन विभाग ने 32 लोगों के ही मरने और 81 लोगों के घायल होने की पुष्टि की है। मौसम विभाग के अनुसार शनिवार को दिन के 11 :41 बजे से रात 11:15 तक 25 बार झटके आये आये. इस बीच वाट्सएप्प ग्रुप द्वारा सोशल मीडिया पर रात में रेक्टर पैमाने पर 13.5 से अधिक तीव्रतावाले भूंकप आने की फैलायी गयी अफवाहों के कारण पटना में लोग घरों से निकल कर गांधी मैदान व अन्य पार्को में आ गये और पूरी रात बैठे रहे. इसके मद्देनजर आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधानसचिव व्यासजी और डीजीपी पीके ठाकुर ने लोगों से अपील की कि ऐसे शरारती तत्वों से सावधान रहें। उन्होंने कहा कि ऐसे तत्वों की पहचान कर प्राथमिकी दर्ज की जायेगी और उन्हें गिरफ्तार किया जायेगा।
भूकंप आने के तुरंत बाद दिन में मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह की अध्यक्षता में क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की आपात बैठक हुई, जिसमें भूकंप या अन्य प्राकृतिक आपदा से सभी डीएम को किसी भी स्थिति में निबटने का आदेश दिया गया है। राज्य सरकार ने सभी मृतकों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये की मुआवजा की घोषणा की है। घायलों का इलाज सरकारी खर्च पर कराया जायेगा। भूकंप के पहले झटके के बाद आकाश में बादल छाने लगे और रुक-रुक कर वर्षा बारिश होने लगी। शाम तक स्थिति सामान्य हो पाया। भूकंप से सबसे अधिक जान-माल की क्षति पूर्वी चंपारण व सीतामढ़ी में हुई है। यहां छह लोगों की मौत हुई है। वैसे तो पूरे राज्य में भूकंप के झटके महसूस किये गये, लेकिन नेपाल की सीमा से लगे उत्तर बिहार जिलों में इसकी तीव्रता अधिक महसूस की गयी। कई अपार्टमेंटों में दरारें आ गयीं। लोग अपने-अपने घरों से बाहर निकल गये और फोन पर अपने परिचितों को हालचाल लेने लगे। हालांकि, कुछ ही देर बाद मोबाइल नेटवर्क ठप हो गया। भूकंप के दौरान बेतिया जेल में जान बचाने की अफरा-तफरी में पांच कैदी दूसरी मंजिल से कूद पड़े, जिससे सभी घायल हो गये. इनमें एक गंभीर की हालत गंभीर है। बेतिया में ही एक्सिस बैंक का कर्मी दूसरी मंजिल कूद गया, जिससे उसका पैर टूट गया। कटिहार जिले में मालगाड़ी बेपटरी हो गयी, जिससे ट्रैक्टर से उसकी टक्कर हो गयी। सारण जिले के सोनपुर थाने के सैदपुर गांव में भूकंप के कारण दौड़ते हुए अपने स्कूल से घर जा रही पांच वर्षीया लड़की मनीषा की एक घर की दीवार गिरने से उसके नीचे दब कर मौत हो गयी। वहीं, नेपाल की सीमा से सटे सुपौल जिले में एक जेल की दीवार गिर गयी। हालांकि, इसमें किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। इसके अलावा भूकंप के कारण कहलगांव, बाढ़ और कांटी स्थित थर्मल पावर की एक-एक इकाई ट्रिप कर गयी, जिनकी मरम्मत की जा रही है। आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यासजी ने बताया कि एनडीआरएफ की पांच टीमें मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सुपौल और गोपालगंज के लिए रवाना कर दी गयी हैं। जबकि नेपाल की सीमा से सटे जिलों के लिए पूर्णिया, खगड़िया, सीतामढ़ी और मधुबनी में एसडीआरएफ की टीमें भेजी गयी हैं। दक्षिण बिहार में गया जिले के लिए भी एसडीआरएफ की एक टीम भेजी गयी है। पीएम नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्रियों से बात की और मदद का वादा किया. स्थिति का जायजा लेने के लिए मंत्रियों व शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की। प्रधानमंत्री ने बिहार, सिक्किम, यूपी, बंगाल व मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्रियों से बात की। उन्होंने कहा कि नेपाल से सटे बिहार व यूपी के विभिन्न जिलों की स्थिति पर भी रिपोर्ट मांगी है।
एक कुशल डिजास्टर मैनेजर यानी नीतीश कुमार
उत्तर और पूर्वी बिहार में आये आंधी-तूफान से मिले जख्म पर ठीक से मरहम भी नहीं लग पाया था कि शनिवार को दिन के 11 बज कर 41 मिनट पर आये भूकंप के तेज झटके ने प्रशासन की नींद हराम कर दी। आंधी-तूफान से हुई क्षति का ब्योरा लेकर प्रधानमंत्री और अन्य केंद्रीय मंत्रियों से मिलने दिल्ली गये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तत्काल पटना लौट आये। मंगलवार की रात से शुरू हुए तबाही के क्रम में मुख्यमंत्री एक कुशल आपदा प्रबंधक की तरह नजर आये। शनिवार को दिल्ली में उनका व्यस्त कार्यक्रम था। तूफान से हुई क्षति के संबंध में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से उनकी मुलाकात तय थी. इसके अलावा सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के आवास पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद के साथ बैठक भी निर्धारित थी. लेकिन, जैसे ही भूकंप की खबर आयी, उन्होंने सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया. बिहार भवन से ही सबसे पहले पीड़ित जिलों के डीएम से संपर्क साधा और उन्हें तत्काल पीड़ित इलाकों में पहुंचने का निर्देश दिया। नीतीश कुमार ने जनता दल परिवार की बैठक भी टाल दी। जानकारी के मुताबिक मुलायम सिंह यादव के आवास पर लालू प्रसाद पहुंच चुके थे। लेकिन, नीतीश कुमार ने संदेश भिजवाया कि बिहार में भूकंप आ गया है और हम पटना निकल रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक जनता दल परिवार की अब अगली बैठक 28 अप्रैल को होगी। (साभार)
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