वाराणसी। वाराणसी में शनिवार को एक कार से 150 किलोग्राम विस्फोटक (अमोनियम नाइट्रेट) की बरामदगी ने सुरक्षाकर्मियों के होश उड़ा दिए हैं। हालांकि, इस विस्फोटक को ले जा रहे युवक उस गाड़ी को छोड़कर फरार होने में सफल रहे। सिटी एसपी राहुल राज के मुताबिक कुछ इनपुट्स के आधार पर लंका पुलिस रमना के पास शनिवार दोपहर में एनएच-2 (दिल्ली-कोलकाता हाईवे) के टोल प्लाजा के पास वाहनों की जांच कर रही थी। जांच के दौरान जब उन्होंने एक कार को रोका तो उसमें से 2 लोग बाहर निकले और जांच में व्यस्त पुलिसवालों को चकमा देकर भाग निकले। बाद में उसी कार से 3 प्लास्टिक के पैकेट में 150 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया गया। पुलिस कार को सीज कर थाने ले आई। राहुल ने कहा कि उन युवकों की तलाश तेज कर दी गई है।
इस विस्फोटक की इतनी भारी मात्रा में बरामदगी ने पुलिस को इसलिए भी परेशानी में डाल दिया है, क्योंकि 23 नवंबर 2007 में कचहरी में हुए सीरियल ब्लास्ट में इसी विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था। पुलिस जिले में लोकसभा चुनावों के खत्म होने के बाद भी हाई अलर्ट को बनाए हुए है और अतीत के अनुभवों के आधार पर पुलिस बल द्वारा शहर में बनाए चेक पोस्टों पर नियमित तौर पर वाहनों की जांच की जा रही है। सिटी एसपी ने इस बात को स्वीकार किया कि सुरक्षा एजेंसियों द्वारा दिए गए ताजा इनपुट्स से शहर में सर्तकता बढ़ा दी गई और इसका नतीजा विस्फोटक की बरामदगी के रूप में सामने आया है। विस्फोटक की बरामदगी ने पुलिस की सहायक एजेंसियों ऐंटि-टेरर स्क्वॉड और दूसरी एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। पटना सीरियल ब्लास्ट में शामिल रहे इंडियन मुजाहिदीन के मॉड्यूल्स तहसीन अख्तर मोनू और वकास की अक्टूबर 2013 में हुई गिरफ्तारी के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने राहत की सांस ली थी। इनकी गिरफ्तारी के पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने पटना में उपयोग करने के लिए विस्फोटक और बमों की खरीद के लिए उनके मिर्जापुर लिंक्स का खुलासा किया था। इन घटनाओं ने राज्य के इस क्षेत्र में विस्फोटकों की आसान उपलब्धता की बात को उजागर किया था, जिसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने विस्फोटक डीलर्स पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया था। हालांकि, विस्फोटकों की बरामदगी से एक बात स्पष्ट हो गई है कि सुरक्षा एजेंसियों की कोशिशें पर्याप्त नहीं साबित हुई हैं। वाराणसी में 2005 से 2010 तक कई बार आतंकी हमले हुए। यहां हुए आतंकी हमलों में आरडीएक्स और हाइड्रोजन परऑक्साइड के अलावा अमोनियम नाइट्रेट का भी उपयोग कर चुके हैं। यही वजह थी जिसने पुलिस को सर्तकता को बढ़ाने पर विवश किया। सिटी एसपी ने कहा कि अब चेक पोस्टों पर इस तरह की गतिविधियों को रोकने के लिए जांच में और तेजी लाई जाएगी।
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