लखनऊ। समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा है कि इन दिनों उत्तर प्रदेश में यौन हिंसा की घटनाओं को विपक्षी दल बढ़ा चढ़ाकर पेश कर रहे है। वे भी समाजवादी सरकार पर आक्षेप कर रहे हैं जो स्वयं इन घटनाओं सेप्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े रहे हैं। प्रदेश में जंगलराज का रोज बखान करनेवाली मायावती को याद करना चाहिए कि उनके शासनकाल में लूट, अपहरण और बलात्कार की कैसे बाढ़ आई हुई थी और आधे दर्जन से ज्यादा मंत्री, विधायक अदालती आदेश पर जेल भेजे गए। भाजपा, कांग्रेस नेताओं की तमाम कहानियां प्रचलित रही है।
वस्तुतः यौन हिंसा एक गम्भीर सामाजिक समस्या बनकर सामने आ रही है। आज के बदलते समाज शास्त्र में अनेक विसंगतियों का जन्म हुआ है। समाज के जागरूक नागरिको को, समाजशास्त्रियों को यौन हिंसा पर संवेदनशील होकर गम्भीरता से विचार करना चाहिए। इसके फलस्वरूप जिस देश में नारी को देवी की प्रतिष्ठा दी गई वहां आज नारी की प्रतिष्ठा के साथ खिलवाड़ होने लगा है।
देश का सबसे बडा़ सूबा उत्तर प्रदेश अपराधों की दृष्टि से 22वें स्थान पर है। यह आंकड़ा जिम्मेदारी से बचाव के लिए नहीं है। वस्तुतः दस गुना अपराध दिल्ली में होने का रिकार्ड है। जबकि आबादी के लिहाज से दिल्ली बहुत छोटा केन्द्र शासित राज्य है। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार है और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कानून व्यवस्था के प्रति बहुत ही सख्त तथा संवेदनशील है। उन्होने प्रशासनतंत्र में कड़े फेरबदल कर संदेश दिया है कि अब प्रशासन स्तर पर कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यमंत्री जी ने यौन हिंसा की घटनाओं पर त्वरित कार्यवाही करने में कभी भी हिचक नहीं दिखाई। यौन हिंसा के पीड़ितों को जल्दी न्याय मिले इसके लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट स्थापित करने के लिए उन्होने उच्च न्यायालय से आग्रह किया है। अपराधिक घटनाओं के नियंत्रण के लिए उन्होने डी0 एम0 और एस0 पी0 को तुरन्त घटनास्थल पर पहुंचने और कर्तव्य पालन में ढील पर उनके विरूद्ध कार्यवाही करने के भी निर्देश दिए है।
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