नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी के शपथ-ग्रहण समारोह से पहले ही एनडीए में दरारें पड़ती दिख रही हैं। मोदी के शपथ-ग्रहण समारोह में पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ की मौजूदगी को एनडीए के कुछ सहयोगी पचा नहीं पा रहे हैं। नवाज शरीफ को बुलाने का जहां अधिकतर राजनीतिक दलों ने स्वागत किया है, वहीं बीजेपी की अहम सहयोगी शिवसेना ने इस पर पूरी तरह चुप्पी साध ली है। सूत्रों की मानें तो शिवसेना ने अभी यह तय नहीं किया है कि नवाज शरीफ की मौजूदगी में पार्टी के कोटे के मंत्री शपथ लेंगे या नहीं। शिवसेना ने इसके लिए रविवार की शाम 6 बजे पार्टी पदाधिकारियों की मीटिंग बुलाई है।
गौरतलब है कि शिवसेना पाकिस्तान के भारत में आतंकवाद प्रायोजित करने के खिलाफ काफी मुखर रही है। शिवसेना ने लोकसभा चुनाव में एनडीए की जबर्दस्त जीत के बाद पाकिस्तान के साथ 'जैसे को तैसा' नीति अपनाने की वकालत की थी। नरेंद्र मोदी को बीजेपी संसदीय दल का नेता चुनने के लिए मंगलवार को दिल्ली में हुई एनडीए बैठक में भी शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा था कि यदि पाकिस्तान देश में कोई संकट खड़ा करता है तो भारत को उसे सबक सिखाना चाहिए। ध्यान रहे कि शिवसेना ने पाकिस्तानी क्रिकेटरों को मुंबई में क्रिकेट खेलने से रोक दिया था जिसके चलते मैचों को अन्य शहरों में आयोजित करना पड़ा था। इसके पहले पाकिस्तानी टीम के खेलने के खिलाफ उन्होंने फिरोजशाह कोटला की पिच खोद दी थी। शिवसेना के नई लोकसभा में 18 सदस्य हैं। मोदी सरकार में शिवसेना कोटे से मंत्री बनना तय माना जा रहा है। शिवसेना की चुप्पी पर कांग्रेस ने भी चुटकी ली है। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष सचिन ने कहा कि शिवसेना के अब तक के बयान और पाकिस्तान पर उसके रुख सिर्फ राजनीतिक सुविधा के लिए थे।
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