एचआरआईटी में हुआ चारित्रिक एवं मानसिक सर्व धन पर व्याख्यान
गाजियाबाद (विनय)। एचआरआईटी ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशन्स, गाजियाबाद में एचआरआईटी ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशन्स व गंगोत्री देवी एजूकेशन ग्रुप के तत्वाधान (विवेक जागृति द्वारा आत्म साक्षात्कार) चारित्रिक एवं मानसिक सर्व धन पर शिक्षा ऋषि श्री श्री श्री डा.रमन जी द्वारा व्याख्यान किया गया। इस कार्यक्रम का उदघाटन मुख्य अतिथि डा.रमन जी, विशिष्ट अतिथि डा. अतुल जैन एवं चेयरमैन इं.अनिल अग्रवाल द्वारा द्वीप प्रज्जवलित कर किया गया। शिक्षा ऋषि श्री श्री श्री डा.रमन जी द्वारा छात्रों को लौकिक एवं पारलौकिक जिज्ञासाओं को शान्त करने के लिए अध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक तथ्यो पर विशेष जागृति द्वारा आत्मसाक्षात्कार पर आधारित चारित्रिक एवं मानसिक सर्व धन द्वारा आत्मसाक्षात्कार के बारे में बताया। डा.रमन जी ने छात्रों को डिप्रेशन के कारण व निजात के बारे में बताया। कहा कि डिप्रेशन से छुटकारा पाने के लिए ज्ञान को त्यागना पड़ता है। डिप्रेशन का कारण बैक टू द पाइंट है। डा.रमन जी ने अपने व्याख्यान में छात्रों को भगवान के प्रति जागरूक किया और कहा कि भगवान से सभी लोग कुछ न कुछ मांगते हैं पर कभी भगवान से भगवान को नहीं मांगते। यदि ऐसा आप करें तो आपको किसी भी चीज की कमी नहीं रहेगी। उन्होंने छात्रों को सकारात्मक सोच व नेक कार्य करने के लिए प्रेरित किया। साथ ही उन्होंने परमार्थ के लिए भी सबको जागरूक किया। यदि आप दूसरों का भला करोगे तो भगवान आपको किसी भी चीज की कमी नहीं आने देगा। डा.रमन ने जिंदगी को मेहंदी की तरह बताया जो हाथो पर लगने के बाद रंग देती है। उन्होंने अपने दो शब्दो में गागर में सागर भर दिया उन्होनें कहा ‘‘मैने तो बस रेत पर फिराई थी अगुंलिया तेरी तस्वीर खुद बन गयी’’। उन्होंने कहा कि ‘‘जहां चाह, वहां राह’’ अच्छी सोच आने से आत्महत्या जैसे बुरे विचार से बचा जा सकता है। विशिष्ट अतिथि डा.अतुल जैन, अध्यक्ष, टैक्नीकल इंस्टीट्यूशन्स फाउंडेशन ने छात्रों में डिप्रेशन की बीमारी पर चिंता जताई। उन्होनें डा.रमन जी की बात की सराहना की। संस्थान के चेयरमैन इं.अग्रवाल ने मुख्य अतिथि का तहेदिल से स्वागत किया और उनका आभार व्यक्त किया। इस कार्यक्रम में संस्थान के सभी निदेशक, सभी डीन, सभी विभागध्यक्ष व सभी स्टाफगणो, डा.अनुज शर्मा व अतुल भूषण का योगदान रहा।
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