वाराणसी। लोकसभा के आखिरी चरण के चुनाव को लेकर गहमागहमी तेज होने के बीच वाराणसी में भाजपा ने मोदी की गुरुवार को प्रस्तावित रैली को लेकर विरोध तेज कर दिया है। बेनियाबाग में रैली को लेकर चुनाव आयोग व भाजपा आमने-सामने हैं। खबरों के मुताबिक रिटर्निग अफसर (जिलाधिकारी) के रुख की वजह से भाजपा ने अपने प्रस्तावित कार्यक्रमों को रद कर दिया है। 12 मई को होने वाले आखिरी चरण के मतदान से पहले बेनियाबाग में नरेंद्र मोदी की रैली को मंजूरी न दिए जाने से नाराज भाजपा ने रिटर्निग अफसर को हटाने की मांग करते हुए बीएचयू गेट पर धरना शुरू कर दिया है। इसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली, अनंत कुमार, अमित शाह, लक्ष्मीकांत वाजपेयी भाग ले रहे हैं। वहीं, दिल्ली में पार्टी के कुछ बड़े नेता मुख्य चुनाव कार्यालय के बाहर धरना देंगे।
काशी के सियासी संग्राम बुधवार को उस वक्त गर्म और तेज हो गई, जब वाराणसी के जिलाधिकारी ने सुरक्षा कारणों से शहर में मोदी के कार्यक्रमों को मंजूरी देने से मना कर दिया। भाजपा नेता अरुण जेटली के मुताबिक पांच अप्रैल को ही पार्टी ने मोदी के इन कार्यक्रमों की मंजूरी के लिए आवेदन कर दिया था, लेकिन आरोप है कि जिलाधिकारी भाजपा के आवेदन पर कुंडली मारकर बैठे रहे। बाद में जब बवाल बढ़ा, तो देर रात जिलाधिकारी ने बेनियाबाग की रैली को छोड़कर बाकी कार्यक्रमों को हरी झंडी दे दी। लेकिन भाजपा के मुताबिक तब तक उसके पास इतना वक्त नहीं बचा कि वो इन कार्यक्रमों को आयोजित कर सके। लिहाजा पार्टी ने खुद अपने स्तर पर मोदी के तमाम कार्यक्रमों को रद्द कर दिया।
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