बरनाला (सनी धनौला)। निजी स्कूल प्रबंधन पर कार्रवाई का प्रशासन भले ही कितने दावे कर ले, जमीनी तौर पर सच्चाई कोसो दूर है। किसी का डर नहीं, सभी बेखौफ निजी स्कूल अभिभावकों की जेब पर डाका डाल रहे हैं। फीस वृद्धि, कोर्स और हर साल ड्रेस बदलना, एडवांस फीस लेना, रि-एडमीशन फीस, जानबूझकर किसी खास प्रकाशक की किताबें खरीदने और छात्रों को ट्यूशन पढ़ने पर मजबूर करने के आरोपों की वजह से अभिभावक परेशान है अभिभावकों से लूट केवल इसी साल नहीं हो रही, पिछले कई वर्षो से जारी है। जानकारी में जिला प्रशासन के भी है और शिक्षा विभाग को भी है, लेकिन कोई हाथ नहीं डालता। हर स्तर पर गहरी पैठ बनाने वाले निजी स्कूल प्रबंधन को न तो प्रशासन का खौफ है, न ही शिक्षा विभाग का।
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