चंडीगढ़। पंजाब प्रदेश कांग्रेस के प्रधान प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि शिक्षा मंत्री सिकंदर सिंह मलूका के खिलाफ कार्रवाी करने को लेकर मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल में नैतिकता की कमी है। मलूका लगातार आकाली-भाजपा सरकार और पंजाब का नाम बदनाम करते जा रहे हैं। बाजवा ने कहा कि बादल ने पहले किताब घोटाले में जांच के आदेश देने में देरी की और फिर आईएएस अफसर केएस पन्नू पर हमले के मामले में। बादल ने मलूका के पसंदीदा रिटायर्ड जज से जांच करवाने के आदेश देकर आदेश देकर किताब घोटाले को दबा दिया है। इस मामले की सीबीअई या हाइकोर्ट के मौजूदा जज से जांच होनी चाहिए। मगर मुख्यमंत्री कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हैं। पन्नू के मामले में भी यही सामने आया है।
बाजवा ने कहा कि पन्नू ने बतौर डायरेक्टर जनरल ऑफ स्कूल एजुकेशन के तहत खरीद को रोकने की कोशिश की थी, जिसके चलते वह मलूका की आंखों में चुभने लगे। उन्होंने पन्नू पर हमले को शर्मनाक घटना बताया है और इसे साजिश करार दिया। मामले में बादल की प्रतिक्रिया भी हैरान करने वाली है। बादल ने सिर्फ जुबान हिलाने के अलावा कोई कार्रवाई नहीं की और सिर्फ झूठ बोला। कहा कि बादल द्वारा घोटाले के लिए दिए गए जांच के आदेश का कोई पालन नहीं हो रहा है, जो शर्मनाक है। पन्नू पर हमले के मामले में भी वीरवार शाम तक आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया गया था। जबकि पन्नू ने हमले को मुख्यमंत्री के ध्यान में लाया था। अपने अफसरों की रक्षा करना बादल की संवैधानिक जिम्मेदारी है। पन्नू पर हमला आकाली-भाजपा का अंदरूनी मामला नहीं है, बल्कि जनता का मामला है।
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