नई दिल्ली। रेलवे घूसकांड में घिरे रेल मंत्री पवन कुमार बंसल और सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट बदलवाने में फंसे कानून मंत्री अश्विनी कुमार की छुट्टी हो गई है। दोनों ने 10 मई की देर रात करीब नौ बजे एक-एक कर प्रधानमंत्री को अपने इस्तीफे सौंप दिए। शाम को सोनिया गांधी और पीएम मनमोहन सिंह की मीटिंग में दोनों को हटाने का अंतिम फैसला ले लिया गया था। इसके बाद इस्तीफा देने का फरमान जारी किया गया। करीब पौन घंटे के अंतराल पर पहले बंसल और फिर अश्विनी कुमार पीएम को इस्तीफा सौंपकर निकले। गौरतलब है कि घूसकांड में भांजे के फंसने से बंसल तो घिरे ही थे, सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद सरकार पर कानूनी मंत्री को भी हटाने का भारी दवाब था। विपक्षी दलों ने भी दोनों मंत्रियों के इस्तीफे की मांग को लेकर सरकार को निशाने पर ले लिया था। संसद का पूरा सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया था। अब चर्चा गरम है कि मल्लिकार्जुन खड़गे को रेल मंत्रालय दिया जा सकता है। खड़के इस समय श्रम रोजगार मंत्री हैं।
अश्विनी कुमार और बंसल पर कार्रवाई की खबरें कई दिनों से सुर्खियों में थीं, लेकिन घटनाक्रम 10 मई की शाम से तेजी से बदलने लगा। पिछले पांच दिन से अपने दफ्तर से दूर रहे रेल मंत्री बंसल शाम को आनन-फानन में रेल मंत्रालय के लिए निकले। इसके साथ ही कयास लगने लगे थे कि वे हाईकमान के आदेश के बाद इस्तीफा सौंपने जा रहे हैं। ठीक इसी दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी अपने घर से 7 रेसकोर्स रोड स्थित पीएम आवास के लिए रवाना हुईं। सोनिया गांधी और पीएम की मुलाकात करीब आधा घंटे तक चली। दूसरी तरफ बंसल रेल मंत्रालय में मौजूद थे। बंसल के इस्तीफे पर कई घंटे तक सस्पेंस बना रहा। बंसल रात करीब 9 बजे एक बार फिर अपने घर से निकले। वह सीधे 7 आरसीआर स्थित प्रधानमंत्री के आवास गए। इसके अलावा कानून मंत्री अश्विनी कुमार भी पीएम से मिलने पहुंचे तो उनके इस्तीफे की भी अटकलें लगने लगीं। बंसल जब पीएम से मिलकर लौटे से उनकी कार की लाल बत्ती बुझी हुई थी। मीडिया के सवालों पर उन्होंने पीएम को इस्तीफा सौंपने की पुष्टि की। करीब पौन घंटे बाद अश्विनी कुमार भी पीएम को अपना इस्तीफा सौंपकर पिछले दरवाजे से निकल गए। दोनों के खिलाफ कार्रवाई का स्पष्ट संकेत शाम को उसी समय मिल गया था जब कांग्रेस के प्रवक्ता भक्त चरण दास ने कहा कि पार्टी भ्रष्टाचार में शामिल किसी शख्स को नहीं छोड़ेगी।
बीजेपी ने बंसल के इस्तीफे को लेकर बने सस्पेंस पर चुटकी ली। बीजेपी के प्रवक्ता शहनवाज हुसैन ने कहा कि कांग्रेस के अंदर कानून मंत्री अश्विनी कुमार और रेल मंत्री पवन बंसल को लेकर गुटबाजी हो रही है। कांग्रेस में बंसल मेरा, अश्विनी तेरा का चक्कर है। इसलिए बंसल के इस्तीफे पर भ्रम हुआ है। उन्होंने कहा कि पीएम और सोनिया गांधी के बीच भी मतभेद हैं।
दरअसल रेल मंत्रालय निकलने से पहले बंसल अपने घर पर टोटका जैसा कुछ करते दिखे थे। शाम करीब चार बजे बंसल अपने घर के बाहर एक बकरे को कुछ खिलाते हुए दिखे। उन्होंने बकरे को सहलाया और पास खड़ी बंसल की पत्नी ने उनकी नजर उतारी। फिर बंसल अपनी पत्नी के साथ घर के अंदर चले गए। इसके बाद से ही यह चर्चा गर्म होने लगी कि दरअसल यह सब कुर्सी बचाने का 'टोटका' है। इस बीच उनके बेटे की नजर जैसे ही यह सब कैमरे में कैद कर रहे मीडियावालों पर पड़ी, वह भड़क गए। उन्होंने टीवी चैनलों के कैमरों पर हाथ रखते हुए उन्हें वहां से जाने को कहा। बीजेपी ने बंसल के इस टोटके की खबर पर चुटकी ली है। बीजेपी नेता शहनवाज हुसैन ने कहा कि गलती कांग्रेस कर रही है और बेचारे बकरे की जान मुश्किल में है।
सीबीआई ने इस मामले में रेलवे अधिकारियों पर शिकंजा कस दिया है। सीबीआई ने रेलवे अधिकारियों को नोटिस जारी कर जांच में सहयोग करने को कहा है। उधर, 'टाइम्स नाउ' के सूत्रों के मुताबिक इस घूसकांड में सिर्फ एक पोस्ट के लिए सौदेबाज़ी नहीं हुई थी बल्कि 8 और पोस्ट्स के लिए मोल-भाव हुआ था। सूत्रों के मुताबिक जिस एक पोस्ट की 'फिक्सिंग' हो रही थी वह सीनियर इंजिनियर की पोस्ट के लिए थी। बाकी जो पोस्ट्स फिक्स की जानी थीं, उन्हीं के लिए पवन बंसल के घर पर मीटिंग हुई थी। रेलवे घूसकांड की जांच की आंच ममता बनर्जी के कार्यकाल तक पहुंच गई है। सीबीआइ ने पवन बंसल से पहले मुकुल रॉय, दिनेश त्रिवेदी और ममता बनर्जी के कार्यकाल में रेलवे के वरिष्ठ अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग से लेकर बड़े खरीद सौदों तक की फाइलें टटोलनी शुरू कर दी हैं। (साभार एनबीटी)
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