गोरखपुर। सूरजकुण्ड ओवरब्रिज निर्माण की बाधा को दूर करने तथा डोमिनगढ़ से जगतबेला सम्पर्क मार्ग के निर्माण को लेकर सांसद योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमण्डल ने पूर्वोत्तर रेलवे के जीएम, उप्र सेतु निगम तथा जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय में सम्पन्न हुई।
महाप्रबन्धक पूर्वोत्तर रेलवे को इन समस्याओं से अवगत कराते हुये योगी जी ने बताया कि वर्ष 2008 से सूरजकुण्ड ओवरब्रिज के निर्माण का कार्य प्रारम्भ हुआ। उत्तर प्रदेश सेतु निगम की लापरवाही से इस सेतु को सूरजकुण्ड से तिवारीपुर की ओर मोड़ दिया गया जिससे स्थानीय स्तर पर भारी विरोध प्रारम्भ हो गया। मैने कई बार मौके का निरीक्षण किया तथा मण्डलायुक्त गोरखपुर ने भी स्थलीय निरीक्षण के उपरान्त यह पाया कि इसे दुर्गाबाड़ी की ओर समानान्तर सेतु निर्माण किया जाय। लेकिन रेलवे ने इस पर आपत्ति कर दी। रेलवे का यह कहना कि यह प्रस्तावित भूमि रेलवे की है, जो कि गलत है। राजस्व रिकार्ड के अनुसार यह भूमि उत्तर प्रदेश सरकार की है। मौके पर जिला प्रशासन की ओर से उपस्थित सिटी मजिस्ट्रेट, एसडीएम सदर, कानूनगो व अन्य राजस्व अधिकारियों ने भी इस बात को कहा कि भूमि रेलवे की नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश सरकार की है। योगी ने जीएम रेलवे व अन्य रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों को स्पष्ट कहा कि सवाल भूमि का मात्र नहीं है इस ओवरब्रिज की आवश्यकता केवल आम जनता को ही नही है अपितु रेलवे की सुरक्षा की दृष्टि से भी यह अत्यावश्यक है। अन्त में तय हुआ कि 1 मई को रेलवे, उप्र सेतु निगम और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी एक साथ मौके का मुआयना करेंगे। महाप्रबन्धक पूर्वोत्तर रेलवे ने आश्वासन दिया कि सेतु निर्माण के लिए जो भी सकारात्मक पहल हो सकती है वह रेलवे करेगी। साथ ही इस कार्य के प्रारम्भ होने से पहले सुरक्षा की दृष्टि से सूर्यकुण्ड समपार फाटक को भी शिफ्ट कर दिया जाएगा।
इसके अलावा डोमिनगढ़-जगतबेला मार्ग निर्माण को लेकर ब्लाक प्रमुख जंगल कौडि़या गोरख सिंह, हियुवा के संयोजक रमाकान्त निषाद के नेतृत्व में दर्जनों गांवों के प्रधानों ने अपनी पीड़ा महाप्रबन्धक के समक्ष रखीं। योगी जी ने महाप्रबन्धक पूर्वोत्तर रेलवे को बताया कि रेलवे लाइन के दोहरीकरण के समय लगभग तीन दर्जन गांवों के आवागमन के मार्ग को रेलवे दोहरीकरण में ले लिया गया। स्थानीय स्तर पर आन्दोलन के बाद रेलवे ने मार्ग तो दिया लेकिन वह आधा-अधूरा ही छोड़ दिया जिससे तीन दर्जन गांवों की हजारों की जनता का आवागमन ठप सा हो गया है। यह बाढ़ क्षेत्र है अगर मार्ग नहीं बनाए तो बरसात में राहत कार्य नहीं हो पायेगा। महाप्रबन्धक पूर्वोत्तर रेलवे ने प्रतिनिधिमण्डल को आश्वासन दिया कि रेलवे के हिस्से का कार्य मई के अन्त तक पूरा कर दिया जायेगा। ग्राम कोलिया में सड़क मार्ग पर पड़ रहे मकानों के बदले मे मुआवजा जिला प्रशासन को तय करना है। अगर जिला प्रशासन मार्ग पर पड़ रहे सभी मकानों को कहीं शिफ्ट कर देता है तो सारे मार्ग को भी रेलवे बनवा देगा। योगी के साथ प्रतिनिधिमण्डल में जंगल कौडि़या के ब्लाक प्रमुख गोरख सिंह, भाजपा महानगर अध्यक्ष डा.धर्मेन्द्र सिंह, शीतल पाण्डेय, कामेश्वर सिंह, हियुवा प्रभारी राघवेन्द्र प्रताप सिंह, हियुवा के अध्यक्ष सुनील सिंह, पीके मल्ल, लालजी सिंह, अवधेश सिंह, पार्षद सौरभ विश्वकर्मा, पार्षद वीरसिंह सोनकर, पवन त्रिपाठी, ग्राम प्रधान श्रीभगवान यादव, महेन्द्र यादव, मुनीब निषाद, सुनील सहानी, परमहंस सिंह, राधिका देवी, कपिलदेव यादव, विश्वास मौर्य, श्यामरथी देवी, रमाकान्त निषाद, बृजभूषण मिश्रा(सांसद प्रतिनिधि), राजीव कुमार इत्यादि उपस्थित रहे।
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