नई दिल्ली, एनएफए। इंडियन मुजाहिदीन (आईएम) और लश्कर-ए-तैयबा ऑपरेटिव्स के साथ हैदराबाद के हालिया बम धमाकों के संबंध में पूछताछ में यह सच सामने आया है कि भारतीय युवाओं को आतंकी बनने की ट्रेनिंग दी जा रही है। सुरक्षा एजेंसियां इसे बेहद चिंताजनक मान रही हैं। आईएम ऑपरेटिव्स सैयद मकबूल और इमरान खान व लश्कर सदस्य ओबैद उर रहमान ने एनआईए की पूछताछ में माना कि नए लड़ाकों को अपनी वफादारी बदलने पर किसी तरह का पछतावा भी नहीं है। मकबूल और इमरान को बीते साल 1 अगस्त 2012 को हुए पुणे बम धमाकों के संबंध में गिरफ्तार किया गया था। दोनों हैदराबाद धमाकों के संबंध में रेकी करने के भी संदिग्ध हैं। रहमान लश्कर के उस मॉड्यूल का हिस्सा है जिसे बीते साल बेंगलुरु पुलिस ने खत्म कर दिया था। हैदराबाद के दिलसुख नगर धमाकों के संबंध में मकबूल और इमरान को रेकी करवाने में मदद के मामले में रहमान संदिग्ध है। दिलसुख नगर में बीती 21 फरवरी को दोहरे बम धमाकों में 16 जानें गई थीं। एक जांच अधिकारी ने बताया कि पुणे धमाका हो या लश्कर मॉड्यूल, कुछ को छोड़कर बाकी सभी आरोपी किसी तरह से भड़काए नहीं गए थे और खुद से ही प्रेरित थे। इन सभी ने आतंकी संगठनों तक पहुंच बनाकर उनके लिए काम करना शुरू किया। जानकारों का मानना है कि वर्तमान में सिर्फ आतंक की मॉनिटरिंग और उसे कंट्रोल करने में ही सुरक्षा एजेंसियों के हाथ-पांव फूल रहे हैं और अब यह नया ट्रेंड भविष्य के लिए बेहद घातक बन सकता है।
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