इस्लामाबाद। न्यायाधीशों को बख्रास्त करने संबंधी एक मामले में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को उनके फार्महाउस से गिरफ्तार कर लिया गया और दो दिन के लिए हिरासत में भेज दिया गया। मुशर्रफ इस तरह की कार्रवाई का सामना करने वाले पहले पूर्व सेना प्रमुख हैं। एक दिन पहले ही अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत जब रद्द की थी तो गिरफ्तारी से बचने के लिए वह नाटकीय तरीके से अदालत परिसर से चलते बने थे। अदालत ने उन्हें दो दिन के अंदर रावलपिंडी में आतंकवाद विरोधी अदालत में पेश होने को कहा है। इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ़ ने आज खुद को पुलिस के हवाले किया और पुलिस उन्हें लेने के लिए उनके फॉर्महाउस पर गई जहां से वो रेंजरों की सुरक्षा में बुलेट प्रूफ कार में सवार अदालत आए। उधर, पुलिस ने इस्लामाबाद के मुख्य आयुक्त को पत्र लिखा है कि मुशर्रफ़ को सुरक्षा चिंताएं हैं इसलिए उनके घर को ही सब जेल घोषित किया जाए। मगर अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। अदालत ने पुलिस महानिरीक्षक या आईजी से मुशर्रफ़ की मदद करने वाले लोगों और अपनी जिम्मेदारियों का सही तरीके से पालन न करने वाले पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ कार्रवाई की रिपोर्ट भी मांगी थी। न्यायमूर्ति शौकत अज़ीज़ सिद्दीकी ने कहा कि ऐसा लगता है कि परवेज़ मुशर्रफ़ अपने खिलाफ मामलों का सामने करने के बजाय चुनाव में भाग लेने के लिए आए थे। उल्लेखनीय है कि इस मामले की सुनवाई करने वाले न्यायाधीश शौकत अज़ीज सिद्दीक़ी बतौर वकील मुख्य न्यायाधीश सहित उच्च न्यायपालिका के न्यायाधीशों की दोबारा बहाली के आंदोलन में आगे रहे थे। इस आंदोलन के दौरान उन्हें कुछ दिनों के लिए जेल भी जाना पड़ा था। पाकिस्तान के कुछ राजनीतिक दलों ने मुशर्रफ़ की गिरफ़्तारी का स्वागत किया था। (साभार)
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