दिल्ली। प्रधानमंत्री पद के मुद्दे पर जनता दल यूनाईटेड के तेवर कड़े होते जा रहे हैं। जदयू इस 13 और 14 तारीख को दिल्ली में होने वाली अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कह सकती है कि 2014 के लिए प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के नाम की घोषणा करे, वह इस विषय पर किसी संशय की स्थिति में नहीं बने रहना चाहती। इससे पहले नीतीश कुमार ने भी कहा था कि बैठक में पार्टी इस बात पर फैसला लेगी की एनडीए को चुनाव से पहले प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करना चाहिए या नहीं। साथ ही नीतीश ने यह भी कहा था कि दिल्ली में होने वाली बैठक में यह तय किया जाएगा कि जदयू अब एनडीए के साथ रहेगी या नहीं। गौरतलब है पिछले कुछ समय से भारतीय जनता पार्टी में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का कद तेजी से बढ़ता जा रहा है। मोदी को भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति में भी शामिल किया है। वहीं, नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी में लंबे से टकराव बना हुआ है। नीतीश पहले ही यह कहकर कि वे किसी सेकुलर छवि वाले नेता को ही प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के तौर पर स्वीकार करेंगे, मोदी का विरोध कर चुके हैं। ऐसे में नीतीश भाजपा से यह सवाल पूछकर उसे असमंजस की स्थिति में डाल सकते हैं। वहीं, इस मामले पर भाजपा के सुशील मोदी ने कहा है कि जदयू को भरोसे में लेकर ही भाजपा प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार तय करेगी। हालांकि, जदयू के इन तेवरों पर विपक्षी दलों को भरोसा होता नहीं दिख रहा है। इस संबंध में यूपीए के घटक एनसीपी के नेता तारिक अनवर का कहना है कि यह तो समय आने पर ही पता चलेगी कि जदयू सच बोल रही है या दिखावा कर रही है। (साभार)
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