नई दिल्ली। जदयू का राष्ट्रीय अधिवेशन शुरू हो गया है। यहां यदि भाजपा नेता नरेंद्र मोदी के खिलाफ प्रस्ताव पारित होता है तो दोनों दलों के बीच रिश्ते भंग हो सकते हैं। जदयू के दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन में पारित होने वाले राजनीतिक प्रस्तावों में एनडीए की तरफ से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार जल्द घोषित करने और किसी धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति को उम्मीदवार बनाने का जिक्र किए जाने की उम्मीद है। जदयू के रुख को भांपकर भाजपा ने भी सख्त रुख अपना लिया है। राजनाथ सिंह मोदी को धर्मनिरपेक्ष बता चुके हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि भाजपा ने यह फैसला लिया है कि यदि जदयू मोदी का नाम लेकर धर्मनिरपेक्ष पीएम उम्मीदवार संबंधी प्रस्ताव पारित करता है तो गठबंधन समाप्त कर दिया जाए। पार्टी नेताओं का कहना है कि यदि भाजपा का सहयोगी दल ही पार्टी के किसी नेता को सांप्रदायिक बताते हुए प्रस्ताव पारित करता है तो भाजपा इसे बर्दाश्त नहीं कर सकती। ऐसे में गठबंधन का कोई मतलब नहीं रह जाता। जदयू यदि नाम लिए बगैर यह प्रस्ताव पारित करता है कि पीएम उम्मीदवार जल्द से जल्द घोषित हो या फिर पीएम पद का उम्मीदवार धर्मनिरपेक्ष छवि का हो तो भाजपा को इसमें आपत्ति नहीं है। पार्टी की आपत्ति सिर्फ नाम को लेकर है क्योंकि गठबंधन की राजनीति में नाम के साथ विरोध में प्रस्ताव पारित करना भाजपा उचित नहीं मानती है। बहरहाल, राजग के घटक दलों जदयू और भाजपा के बीच तकरार कायम है। यदि पीएम पद के उम्मीदवार के सवाल पर बात बिगड़ती है तो रिश्तों में दरार पड़ सकता है। (साभार)
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