वाशिंगटन। मानवाधिकार पर अमेरिका की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के सामाजिक संगठन इस बात को लेकर लगातार चिंता जता रहे है कि गुजरात सरकार 2002 के सांप्रदायिक दंगे के दौरान लोगों की सुरक्षा में नाकाम रही। वह इसके लिए जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार भी नहीं कर सकी है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से जारी 'कंट्री रिपोर्टर्स ऑन ह्यूमन राइट्स प्रैक्टिसेस फॉर 2012' नाम की रिपोर्ट में कहा गया है, 'मानवाधिकार संगठन लगातार आरोप लगा रहे हैं कि जांच एजेंसियां अपनी रिपोर्ट में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का पक्ष ले रही हैं।' रिपोर्ट को अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी ने जारी किया। इसमें कहा गया है कि 2002 के गुजरात दंगे में 1200 से अधिक लोग मारे गए थे। इनमें अधिकांश मुस्लिम थे। गुजरात सरकार इसके लिए जिम्मेदार लोगों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। हालांकि कुछ मामलों में अदालत में प्रगति हुई है। रिपोर्ट में भारत से संबंधित चैप्टर 60 पृष्ठों का है। इसके मुताबिक पिछले वर्ष भारत में सबसे प्रमुख मानवाधिकार समस्या पुलिस और सुरक्षा बलों द्वारा किया जाने वाला अनुचित व्यवहार था। भारत की मानवाधिकार समस्या में यातना देना, दुष्कर्म और सरकार में सभी स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार को भी शामिल किया गया है। इस कारण लोग न्याय से वंचित रहते हैं और सामाजिक हिंसा को बढ़ावा मिलता है। अधिकारी नागरिकों के निजता के अधिकार में बाधा डालते रहते हैं। (साभार)
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