परसा (सारण), एनएफए। बिहार में मुसलमानों की दशा बेहद खराब है। इनका आर्थिक, सामाजिक व राजनीतिक उत्थान जिस गति से होना चाहिए, नहीं हो रहा। पिछले कुछ समय से मुसलमान अपने आपको काफी उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। यह बात राजद सुप्रीमों व स्थानीय सांसद लालू प्रसाद ने पिछले दिनों परसा उच्च विद्यालय में जिप अध्यक्ष मेहनाज खातुन के पिता की आठवीं पुण्य तिथि पर आयोजित रहमत-ए-आलम कांफ्रेंस के मौके पर कही। उन्होंने कहा कि आरएसएस के गोद वाली सरकार में मुसलमानों के विकास को नजरअंदाज किया गया है। बिहार के कई जिलों में अबतक 23 मुसलमानों को आतंकवादी घोषित कर दिया गया है। वहीं नौकरी में मुसलमानों की संख्या घटाकर दो फीसद कर दिया गया है। राजद सुप्रीमो ने कहा कि नीतीश द्वारा जो भी विकास के दावे किये जा रहे हैं वे सभी धरातल पर फेल है। विकास सिर्फ कागजों में दिख रहा है। बिहार के लोग अब सरकार की असलियत को जान चुके हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार केन्द्र प्रायोजित योजनाओं को अपने से जोड़कर वाहवाही लूट रहे हैं। परन्तु अब जनता उनके झांसे में आने वाली नहीं है। राजद सुप्रीमो ने 15 मई को पटना में आयोजित रैली में भारी संख्या में लोगों को शामिल होने की अपील की। पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह भी नीतीश सरकार पर जमकर बरसे। इस मौके पर उलेमा-ए-कराम सैयद साह मुजाहिद, असरफ अल जिलानी, पूर्व मंत्री चन्द्रिका राय, मुनेश्वर चोैधरी, उदित राय, पूर्व विधान पार्षद रघुवंश प्रसाद यादव, पूर्व प्रमुख सुनील राय, प्रखंड राजद अध्यक्ष नागेश्वर राय, दारोगा राय सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। (साभार)
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