लखनऊ : गोंडा में 31 वर्ष पुराने फर्जी मुठभेड़ के मामले में सीबीआइ कोर्ट ने आज एसओ आरपी सरोज, प्लाटून कमांडर रमाकांत दीक्षित और कांस्टेबल रामकरन को फांसी की सजा सुनाई है। मामले के अन्य पांच आरोपियों को उम्रकैद की सजा दी गई है। सीबीआइ कोर्ट में जब फैसला सुनाया जा रहा था उस समय कोर्ट में दिवंगत सीओ केपी सिंह की पुत्री व बहराइच की जिलाधिकारी किंजल सिंह भी मौजूद थीं। आज सीबीआइ कोर्ट ने तीन को फांसी की सजा देने के अलावा दारोगा नसीम अहमद, मंगल सिंह, परवेज हुसैन व आरपी सिंह के साथ हेड कांस्टेबल पीएन पाण्डेय को उम्र कैद की सजा दी है। गौरतलब है कि गोंडा के कटरा बाजार थाना क्षेत्र के माधोपुर गांव में 12-13 मार्च 1982 की रात डिप्टी एसपी के केपी सिंह की हत्या को मुठभेड का रूप देते हुए 12 ग्रामीणों को मौत के घाट उतार दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 1984 से मामले की सीबीआइ जांच चल रही थी। सीबीआइ ने 19 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था जिसमें से दस की मृत्यु हो चुकी है जबकि एक को मामले से बरी पर दिया गया था। (साभार)
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