ताज़ा ख़बर

व्यवस्था परिवर्तन चाहिए : अन्ना हजारे

रुड़की (हरिद्वार)। समाज सेवी अन्ना हजारे ने कहा कि देश में सत्ता परिवर्तन नहीं, बल्कि व्यवस्था परिवर्तन होना चाहिए। देश में आज एक पार्टी भ्रष्टाचार में ग्रेजुएशन करती है तो दूसरी पीएचडी। मंगलवार को करीब साढ़े ग्यारह बजे जनतंत्र यात्रा गढ़वाल सभा भवन के समीप रुड़की पहुंची। यहां आयोजित कार्यक्रम में समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा कि आजादी के बाद से तमाम सरकारें संविधान का उल्लंघन कर रही हैं। देश की जनता ने जिन लोगों को देश की सेवा करने के लिए संसद व विधानसभाओं में भेजा वह अपना कर्तव्य ही भूल गए। जनता की तिजोरी को अपनी समझकर उसको खोखला कर रहे हैं। स्थिति यह है कि आज देश को ब्याज चुकाने के लिए भी कर्ज लेना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि उनके साथियों को न तो कुर्सी चाहिए और न ही सत्ता। उनका मकसद सत्ता परिवर्तन करना नहीं है, वरन व्यवस्था परिवर्तन करना है। लोकतंत्र में जनता मालिक है, लेकिन आज जनता गुलाम हो गई और नौकर मालिक बन बैठा है। जनता को सांसद, विधायक चुनने का अधिकार है लेकिन बुलाने नहीं, राइट टू रिकॉल होना चाहिए। पूर्व थलसेना अध्यक्ष जनरल विक्रम सिंह ने कहा कि आज सरकारें संविधान के अनुसार कार्य नहीं कर रही हैं। इसलिए पूर्व सैनिकों को अब लोगों को जगाना होगा, तभी यह देश बच पाएगा। सैय्यद बाबा गुलाम जिलानी ने कहा कि आज बेरोजगारी चरम पर है। हिन्दुस्तान की अस्सी प्रतिशत आबादी के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। इसलिए अब सभी को एकजुट होना होगा। पीसी थपलियाल के संचालन एवं कमला बमोला की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में रिटायर्ड आइएएस एसएस पांगती, रिटायर्ड आइजी एसएस कोठियाल, जनरल आरएस रावत, जनरल एनबी सिंह, कैप्टन डीपी सिंह, हर्ष प्रकाश काला, जीपी जोशी, मधुराका सक्सेना, संतोष आदि मौजूद रहे। (साभार)
  • Blogger Comments
  • Facebook Comments

0 comments:

Post a Comment

आपकी प्रतिक्रियाएँ क्रांति की पहल हैं, इसलिए अपनी प्रतिक्रियाएँ ज़रूर व्यक्त करें।

Item Reviewed: व्यवस्था परिवर्तन चाहिए : अन्ना हजारे Rating: 5 Reviewed By: newsforall.in